Kotdwar Bandh News: कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति की ओर से आहूत कोटद्वार बंद सफल रहा। शहर के सभी प्रमुख बाजार पूरी तरह बंद रहे। जीएमओयू और रोडवेज डिपो से बसों का संचालन नहीं किया गया, जबकि जीप-टैक्सियां और ऑटो-ई रिक्शा भी नहीं चले। अधिकतर स्कूल भी बंद रहे।2 पूरे दिन दुकानों पर ताले रहे, जबकि सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।
कोटद्वार की पांच प्रमुख मांगों को लेकर कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति ने बुधवार को बंद और चक्काजाम का ऐलान किया था। इसके लिये समिति पदाधिकारियों ने न सिर्फ शहर के विभिन्न संगठनों से समर्थन हासिल किया, बल्कि बाजारों में घूम-घूमकर व्यापारियों और नागरिकों से भी बंद को सफल बनाने में सहयोग की अपील की।
बुधवार को सुबह से ही कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न संगठनों के लोग हिन्दू पंचायती धर्मशाला में एकत्र हुये। यहां से सभी लोग मौन जुलूस की शक्ल में मुख्य बाजार, झंडा चौक, बद्रीनाथ मार्ग होते हुये तहसील पहुंचे। यहां प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन सौंप कोटद्वार की समस्याओं के निस्तारण की मांग राज्य सरकार से उठायी।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि कोटद्वार में मोटरनगर, सीवर ट्रीटमेंट, डंपिंग जोन की समस्याएं वर्षों से चली आ रही हैं। राज्य में सरकारें बदलती रहीं, कोटद्वार में विधायक बदलते रहे, लेकिन इन समस्याओं का अब तक कोई समाधान नहीं तलाश जा सका है। अब भी मेयर हों या विधायक या सरकार, कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इससे कोटद्वार की जनता त्रस्त है।
समिति ने लालढांग, सनेह, पाखरो, कालागढ़ रेंजों को बफर जोन से बाहर कर कोटद्वार से रामनगर वाया कालागढ़ और हरिद्वार वाया चिलरखाल, लालढांग की सड़क फिर खुलवाने की मांग उठायी। मुक्तिधाम को कचरे के ढेरों से मुक्ति दिलाने और कोटद्वार से रात के समय दिल्ली के लिये कुछ साल पहले तक संचालित होने वाली ट्रेन को दोबारा भरत जन्मभूमि कण्वाश्रम एक्सप्रेस के नाम से चलाने की मांग रखी।
इन संस्थाओं ने दिया बंद में साथः कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले आहूत बंद और चक्काजाम को नगर व्यापार मंडल, नागरिक मंच, वरिष्ठ नागरिक संगठन, गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन, गढ़वाल जीप टैक्सी यूनियन समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों ने समर्थन दिया था। यही वजह रही कि समिति को बाजार बंद करवाने के दौरान कहीं किसी तरह के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा।
नौ नवंबर को लायेंगे श्वेतपत्रः कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक नागेन्द्र उनियाल ने बताया कि बुधवार को आहूत बंद पूरी तरह सफल रहा। उन्होंने इसके लिये समर्थन देने वाले संगठनों, नागरिकों का आभार जताया। बताया कि समिति नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर कोटद्वार की समस्याओं पर श्वेतपत्र लायेगी। इसके साथ ही आंदोलन की आगे की रणनीति भी तय की जायेगी।
मेयर और विधायक से नाराजगीः बंद और चक्काजाम के दौरान प्रदर्शनकारियों ने मेयर और विधायक से नाराजगी जाहिर की। कहा कि कोटद्वार वर्षों से बुनियादी सुविधाओं के अभाव और विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है, लेकिन निर्वाचित जनप्रतिनिधि न तो जनता की आवाज सुन रहे हैं, न ही जनसमस्याओं को सरकार के समक्ष रख पा रहे हैं।
आवश्यक सेवाओं को खुला रखा गयाः बंद के दौरान मेडिकल स्टोर, डेयरी, होटल जैसी आवश्यक सेवाओं को अलग रखा गया था। इसके चलते बुधवार को इन्हीं से संबंधित दुकानें खुली रहीं। कुछेक जगह इक्का-दुक्का अन्य दुकानें खुली भी थीं तो समिति पदाधिकारियों ने दुकानदारों से अनुरोध कर उन्हें बंद करने के लिये मना लिया।
सरकारी कार्यालय, बैंक भी खुले रहेः बंद के दौरान सरकारी कार्यालयों के कामकाज पर भी कोई असर नहीं रहा। समिति की ओर से इन्हें बंद से बाहर रखा गया था, ताकि जनता को परेशानी नहीं हो। इसके चलते नगर और भाबर स्थित सभी बैंकों की शाखाएं, डाकघर और अन्य सरकारी कार्यालय हर दिन की तरह खुले रहे।
यूपी की बसों से होता रहा सफरः कोटद्वार रोडवेज डिपो और जीएमओयू से भले ही बसों के संचालन पर बुधवार को असर दिखा, लेकिन इससे होने वाली परेशानी यूपी से आने वाली बसों से काफी हद तक दूर हो गयी। बंद-चक्काजाम के दौरान यूपी से आने वाले वाहनों को नहीं रोका गया।
इससे यूपी के अलग-अलग स्थानों से आने वाली बसें स्टेशन पर आती रहीं और सवारियां लेकर निकलती रहीं। इससे यात्रियों को भी ज्यादा परेशानी नहीं हुयी। इसके अलावा निजी वाहनों का भी संचालन बेरोकटोक होता रहा। हालांकि, पर्वतीय क्षेत्रों के लिये जाने वाले लोगों को कुछ दिक्कतें रहीं।
शाम को खुलीं दुकानें, भीड़ नहींः शाम पांच बजे के बाद बाजार में कुछ दुकानें खुलने लगी थीं, लेकिन पूरे दिन बंद के चलते शाम को भी लोग बाजार में नजर नहीं आये। इससे गोखले मार्ग सब्जी मंडी समेत मुख्य बाजार में भी शाम को भीड़ नहीं रही। वहीं, मुख्य बाजार के अलावा देवी रोड पर भी दिनभर दुकानें बंद रहीं।
अतिक्रमण ध्वस्त करते रहे मजदूरः एक दिन की बंदी के चलते बुधवार को गोखले मार्ग, स्टेशन रोड, बद्रीनाथ मार्ग पर दुकानें बंद होने के बाद वे दुकानदार मजदूरों से ध्वस्तीकरण करवाते रहे, जिनकी दुकानें अतिक्रमण के दायरे में आ रही हैं। वहीं, कई दुकानों पर इस दौरान रिनोवेशन का काम भी होता नजर आया।
करोड़ों का लेनदेन प्रभावित हुआः जानकारों की मानें तो एक दिन के बाजार बंद से कोटद्वार में करोड़ों का लेनदेन प्रभावित हुआ। कोटद्वार से पर्वतीय जिलों तक राशन से लेकर निर्माण सामग्री तक की सप्लाई की जाती है। बुधवार को दुकानें बंद रहने से सप्लाई का काम भी बंद रहा। माना जा रहा है कि इससे पांच से दस करोड़ तक का लेनदेन ठप रहा।