Kotdwar News: कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति ने 20 सितंबर 2023 यानी कल को कोटद्वार बंद का ऐलान किया है। इसके साथ ही चक्काजाम करने की भी बात कही गयी है। समिति को शहर के विभिन्न संगठनों और व्यापार संघ से भी इस आंदोलन के लिये समर्थन हासिल है।

कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति पदाधिकारियों के अनुसार उनके इस आंदोलन के पीछे पांच प्रमुख मांगें हैं। उनका कहना है कि ये मांगें नयी नहीं, बल्कि वर्षों से चली आ रही हैं, लेकिन राज्य गठन के बाद से अब तक किसी सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की है। इसके चलते कोटद्वार न सिर्फ बुनियादी विकास में पिछड़ता जा रहा है, बल्कि उन सुविधाओं से भी आज वंचित हो चुका है, जो राज्य गठन से पहले अविभाजित उत्तर प्रदेश में हासिल थीं।

समिति पदाधिकारियों ने बताया कि राज्य गठन से पहले कोटद्वार से वाया चिलरखाल लालढांग तक की सड़क खुली थी, जो अब कई साल से बंद है। इसी तरह कोटद्वार से कालागढ़ होते हुये रामनगर तक की सड़क भी खुली थी, जो अब कई साल से बंद हो चुकी है। इससे उत्तराखंड के यात्रियों को यूपी से होकर ही गुजरना पड़ता है।

इसी तरह कोटद्वार से दिल्ली के लिये रात्रिकालीन ट्रेन सेवा भी कोरोनाकाल के बाद करीब तीन साल से बंद है। समिति का कहना है कि यूपी के वक्त कोटद्वार के लोगों को सीवर निकासी की सुविधा उपलब्ध थी, लेकिन राज्य बन जाने के बाद यह भी बंद हो गयी है। हालत यह है कि कोटद्वार में अब तक इसकी व्यवस्था नहीं की जा सकी है।

समिति की प्रमुख मांगों में मोटरनगर में अधूरा छोड़ दिया गया निर्माण भी है। समिति का कहना है कि आईएसबीटी बनाने के नाम पर मोटरनगर की भूमि पर कई मीटर गहरा गड्ढा कर छोड़ दिया गया है। 10 साल से भी अधिक समय हो जाने के बाद भी यहां न तो कोई नया काम हुआ है, न ही पुरानी व्यवस्था ही बन पा रही है। समिति ने मोटरनगर प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग उठायी है।

समिति की एक अन्य मांग कोटद्वार की सफाई व्यवस्था से भी जुड़ी हुयी है। कोटद्वार में लकड़ीपड़ाव स्थित मुक्तिधाम और स्टेडियम के पास ही डंपिंग जोन बना दिया गया है। इससे स्टेडियम में खेलने वाले खिलाड़ियों और मुक्तिधाम में आने वाले लोगों को खासी परेशानियां होती हैं। समिति ने मांग की है कि डंपिंग जोन को यहां से अन्यत्र स्थानांतरित किया जाये।

समिति के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि इन सभी मांगों को लेकर 20 सितंबर 2023 यानी बुधवार (कल) को समिति और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी, व्यापारी, नागरिक हिन्दू पंचायती धर्मशाला में एकत्र होंगे। बताया कि धर्मशाला से तहसील तक मौन जुलूस निकाला जायेगा। तहसील में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा जायेगा।

सुबह से ही सड़कों पर निकलेंगे समिति के लोगः कोटद्वार की विभिन्न मांगों को लेकर कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति और विभिन्न संगठनों के लोग बुधवार को सड़कों पर निकलेंगे। समिति ने बाजार बंद के साथ चक्काजाम करने का भी ऐलान किया है। समिति का दावा है कि व्यापार संघ, नागरिक मंच, वरिष्ठ नागरिक संगठन समेत कई संगठन भी इस बंद में उनके साथ हैं।

’जीएमओयू ने भी दिया है समर्थन’: समिति पदाधिकारियों का कहना है कि गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन यानी जीएमओयू ने भी समिति के चक्काजाम को समर्थन दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि बुधवार को जीएमओयू की बस सेवाएं भी संचालित नहीं होंगी। समिति पदाधिकारियों का कहना है कि वे सुबह से ही सड़कों पर निकल आयेंगे और शहर से यात्री वाहनों को नहीं निकलने दिया जायेगा।

स्कूलों में अवकाश घोषितः कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति की ओर से बंद और चक्काजाम को सफल बनाने के लिये बीते कई दिनों से जनसंपर्क किया जा रहा था। इसके बाद कोटद्वार के अधिकतर निजी स्कूलों ने बुधवार को अवकाश घोषित कर दिया है। समिति पदाधिकारियों ने इस समर्थन के लिये स्कूल प्रबंधनों का आभार भी जताया है।

व्यापारियों से मुलाकातः बुधवार को प्रस्तावित बंद से एक दिन पहले मंगलवार शाम कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारी बाजार में निकले और व्यापारियों से मुलाकात कर एक बार फिर समर्थन मांगा। इस दौरान व्यापारियों और नागरिकों से भी बंद को सफल बनाने के लिये सहयोग की अपील की गयी। इस दौरान समिति के संयोजक नागेंद्र उनियाल, विकास आर्य आदि मौजूद रहे।

लोगों से करेंगे सहयोग का अनुरोधः समिति पदाधिकारियों का यह भी कहना है कि चक्काजाम और बाजार बंद का यह एकदिवसीय कार्यक्रम जनता के सहयोग से ही पूरा किया जायेगा। कहीं भी, किसी भी तरह का दबाव नहीं बनाया जायेगा, लेकिन लोगों से अनुरोध किया जायेगा कि वे कोटद्वार के बेहतर भविष्य के लिये साथ आयें और बंद-चक्का जाम में सहयोग करें।

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