Rivers Overflow: उत्तराखंड में जारी बारिश ने, नदियों को उफान पर ला दिया है। अलकनंदा का जलस्तर बढ़ने से, श्रीबद्रीनाथ धाम से लेकर देवप्रयाग तक, नदी किनारे की बसावतों में चिंता बढ़ गयी है। उधर, कोटद्वार में मालन नदी पर बना वैकल्पिक मार्ग और पुलिया बह गये हैं। इससे कोटद्वार-भाबर के बीच आवाजाही एक बार फिर ठप हो गयी है। दूसरी ओर, कर्णप्रयाग में भूस्खलन की चपेट में आकर दो लोगों की जान चली गयी।
जानकारी के अनुसार, चमोली जिले में कर्णप्रयाग और गौचर के बीच, गलनाउ के पास भूस्खलन जारी है। यहां शुक्रवार सुबह पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा गिरने से, दो लोगों के मलबे में दबने की सूचना है। बताया जा रहा है, कि दोनों लोगों की मौत हो गयी है। दोनों के हैदराबाद निवासी होने की जानकारी सामने आ रही है।
उधर, राज्य में लगातार जारी बारिश से, भूस्खलन की घटनाएं तो बढ़ी ही हैं, नदियां और गाड़-गदेरे भी उफान पर आ गये हैं। शुक्रवार रात से, अलकनंदा नदी और इसकी प्रमुख सहायक नदियों पिंडर, मंदाकिनी, नंदाकिनी का जलस्तर काफी अधिक बढ़ गया है।
इसके अलावा, बरसाती नालों गाड़-गदेरों में भी भारी मात्रा में पानी आने से, कई जगह जलभराव की सूचनाएं हैं। सभी पर्वतीय जिलों में, जिला पुलिस और प्रशासन की ओर से, लोगों से अपील की गयी है, कि वे नदियों-नालों से दूर रहें और किसी भी आपात स्थिति में तत्काल प्रशासन को जानकारी दें।
इधर, पौड़ी जिले के कोटद्वार में, शुक्रवार रात की बारिश के बाद, मालन नदी शनिवार सुबह रौद्र रूप में नजर आयी। मालन का जलस्तर बहुत अधिक बढ़ गया। कण्वाश्रम में तो नदी का पानी दोनों किनारों तक बहता नजर आया। इससे कण्वाश्रम से कलालघाटी तक, नदी के किनारे बसे लोगों में भय का माहौल रहा।
मालन के अचानक बढ़े जलस्तर ने, कोटद्वार-भाबर को जोड़ने वाले वैकल्पिक मार्ग और पुलिया को भी बहा दिया। गनीमत रही, कि उस वक्त पुलिया पर कोई वाहन नहीं चल रहा था। सड़क बह जाने के बाद, अब कोटद्वार और भाबर का संपर्क टूट गया है। अधिकारियों ने मौके का जायजा लेने के बाद, जल्द वैकल्पिक निर्माण दोबारा बनाने की बात कही है।
एक साल पहले टूट गया था मालन पर बना पुल
मालन नदी पर बना, कोटद्वार नगर को भाबर से जोड़ने वाला पुल, एक साल पहले टूट गया था। इसके बाद, लंबे समय तक भाबर के लोगों को कोटद्वार तक आने के लिये, बीईएल रोड से लंबा चक्कर काटकर आना पड़ रहा था। बाद में यहां नदी पर वैकल्पिक मार्ग और पुलिया बनायी गयी थी, लेकिन अब वह भी बह गयी है।
पुल के निर्माण में देरी से बढ़ रही जनता की परेशानी
मालन नदी पर टूटे पुल के निर्माण में खासी देरी हो चुकी है। कुछ दिन पहले ही, यहां काम शुरू किया गया था, लेकिन बारिश के बाद अब फिर निर्माण कार्य टलने की आशंका है। इसके चलते भाबरवासियों की परेशानियां कम नहीं हो पा रहीं। लोग बरसात से पहले काम पूरा करने की मांग करते आ रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं होने से अब बारिश खत्म होने तक, महीनों इंतजार करना पड़ सकता है।
टिहरी के घनसाली में गदेरा उफान पर, कोई नुकसान नहीं
टिहरी के घनसाली क्षेत्र में, नैलचामी के मुयालगांव में भारी बारिश के बाद गदेरा उफान पर आ गया। गांव के कई लोगों के खेतों में नाले के साथ बहकर आया मलबा भर गया। घटना की जानकारी पर, राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची। गनीमत रही, कि गदेरे में अचानक बढ़े जलस्तर से कोई जनहानि नहीं हुयी है।
𝐅𝐚𝐤𝐞 𝐍𝐞𝐰𝐬
“खंडन”
वर्ष 2021 में रैणी में आयी आपदा की वीडियो को कतिपय लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट कर वर्तमान परिदृश्य से जोड कर भ्रामक खबर के रूप में दिखाया जा रहा है, जो सत्य से एकदम परे है। कृपया ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें और ऐसी भ्रामक खबरों से सावधान रहें। pic.twitter.com/5EvB3ua2fh
— Chamoli Police Uttarakhand (@chamolipolice) July 6, 2024
सोशल मीडिया पर पुराने वीडियो डालने पर पुलिस ने चेताया
उत्तराखंड में जारी भारी बारिश के बाद, सोशल मीडिया पर जलभराव-बाढ़ और आपदा से जुड़े वीडियो भी लगातार सामने आ रहे हैं। हालांकि, वायरल हो रहे इन वीडियो में से कई दूसरे स्थानों के या फिर उत्तराखंड के ही पुराने वीडियो हैं, जिन्हें ताजा घटनाएं बताकर पेश किया जा रहा है।
इसे देखते हुये, पुलिस ने लोगों से अपील की है, कि वे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को बिना सोचे-समझे शेयर नहीं करें। इसके अलावा यह भी अपील की गयी है, कि पुरानी आपदा की घटनाओं के वीडियो को नया बताकर पेश न करें। गलत तरीके से वीडियो शेयर करने वालों को पुलिस की ओर से कार्रवाई की भी चेतावनी दी गयी है।