Triple Murder: देहरादून में एक युवक ने एक महिला और उसकी दो बेटियों की हत्या कर, शव नाले और कूड़ेदान में फेंक दिये। पुलिस ने वारदात का खुलासा करते हुये, आरोपी को दबोच लिया है। महिला व उसकी दोनों बेटियां उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की रहने वाली थीं। आरोपी भी बिजनौर का है। प्रेम प्रसंग में शादी का दबाव बनाने पर, उसने वारदात को अंजाम दिया।

25 जून 2024 को, देहरादून के पटेलनगर थाना क्षेत्रांतर्गत बड़ोवाला में, पेट्रोल पंप के पास, सूखे नाले से बदबू आने की सूचना पुलिस को मिली थी। पुलिस टीम मौके पर पहुंची, तो वहां से 14-15 साल की किशोरी और करीब आठ महीने की एक बच्ची के शव बरामद किये गये। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिये भिजवा दिया।

 

अंधेरा हो जाने के कारण, पुलिस ने उस वक्त आसपास तलाशी अभियान का काम रोक दिया। इस दौरान एक टीम, मौके पर ही तैनात कर दी गयी थी।
26 जून 2024 को एसएसपी अजय सिंह, घटनास्थल पर जांच के लिये पहुंचे। इसके बाद, आसपास के पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया गया, तो कुछ ही दूरी पर कूड़ेदान से भी, तेज बदबू आने की जानकारी मिली।

पुलिस टीम ने कचरे के ढेर हटवाये, तो वहां भी कूड़े में दबा एक महिला का शव बरामद किया गया। दो दिन के भीतर, दो बच्चियों और एक महिला का शव बरामद होने से, खलबली मच गयी। अंदाजा लगाया जा रहा था, कि तीनों मां-बेटी थीं।

ऐसे में एसएसपी के निर्देश पर देहरादून पुलिस ने आसपास के सभी थानों से जानकारी ली। पता लगाया गया, कि कहीं मां-बेटियों की गुमशुदगी दर्ज तो नहीं करायी गयी है। देहरादून जिले और राज्य के अन्य जिलों में कहीं भी, ऐसी गुमशुदगी दर्ज नहीं होने पर, पुलिस ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर जिलांे में भी पुलिस से संपर्क किया गया।

लेकिन, वहां भी किसी महिला और उसकी दो बेटियों की गुमशुदगी दर्ज नहीं होने की जानकारी मिली। ऐसे में, पुलिस के लिये तीनों शवों की पहचान करना और उनकी हत्या का खुलासा करना चुनौती बन गया था। एसएसपी अजय सिंह ने, खुलासे के लिये अलग-अलग टीमों का गठन किया और एसपी सिटी के साथ, स्वयं मॉनीटरिंग करते रहे।

पुलिस ने, बिजनौर पुलिस से संपर्क किया। बिजनौर जिले में भी गुमशुदा महिला और बच्चियों के बारे में जानकारी जुटायी। बिजनौर के दो थानों में गुमशुदगी दर्ज होने की जानकारी मिलने पर, देहरादून पुलिस की एक टीम को बिजनौर रवाना की गयी। इस दौरान नहटौर क्षेत्र से रेशमा और उसकी बेटियों आयत 15 वर्ष और आयशा आठ महीने के लापता होने की जानकारी मिली।

नीला बैग और रोडवेज बस का टिकट बने मददगार

इस बीच, देहरादून में जांच कर रही टीम को, घटनास्थल से कुछ दूरी पर, ब्लू डार्ट कंपनी का एक नीला बैग मिला, जिसमें महिला और बच्चों के कपड़े रखे हुये थे। हालांकि, बैग में कोई पहचान संबंधी दस्तावेज नहीं मिला, लेकिन यह माना गया, कि यह बैग उसी महिला और बच्चियों का होगा, जिनके शव बरामद किये गये थे।

जांच आगे बढ़ी, तो पुलिस को बैंगनी रंग का एक बैग, और घटनास्थल के पास स्थित टिम्बर लाइन फैक्ट्री के नजदीक रोडवेज बस का एक टिकट मिला। यह टिकट बिजनौर के नहटौर से देहरादून तक का था। फैक्ट्री के पास मिले इस टिकट ने, हत्याकांड के तार टिम्बर लाइन फैक्ट्री से जुड़े होने की ओर इशारा किया।

पुलिस की एक टीम जांच के लिये, फैक्ट्री के अन्दर पहुंची। तलाशी के दौरान, पुलिस को वैसे ही नीले रंग के बैग बरामद हुये, जैसा घटनास्थल के पास मिला था। इस पर पुलिस ने फैक्ट्री में कार्यरत कर्मियों के सम्बंध में जानकारी जुटायी। मालूम हुआ, कि फैक्ट्री में नहटौर का रहने वाला हसीन पुत्र नसीम निवासी फरीदपुर भी काम करता है।

पुलिस ने हसीन को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उसने रेशमा और उसकी बेटियों की हत्या की बात कबूल कर ली। हसीन ने पुलिस को बताया, कि करीब दो साल से उसका रेशमा के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। रेशमा पिछले कुछ समय से, शादी के लिये दबाव बना रही थी। इसके चलते उसने रेशमा और उसकी बेटियों को मार डाला।

बच्चियों को लेकर, हसीन के साथ रहने आ गयी थी रेशमा

पुलिस के अनुसार, पूछताछ में हसीन ने बताया कि वह रेशमा को लंबे समय से टाल रहा था। वह बार-बार उसे फोन कर साथ रखने के लिये कहती थी। हसीन उसे हर बार कमरा तलाश करने की बात कहता रहता था। हसीन ने पुलिस को बताया, कि 23 जून की शाम रेशमा ने उसे फोन किया।

रेशमा ने उसे बताया, कि वह अपनी दोनों बेटियों को साथ लेकर, घर छोड़कर आ गयी है। उसने बताया कि वह आईएसबीटी पहुंच गयी है। इस पर हसीन रेशमा और बच्चियों को लेने के लिये, अपनी बाइक संख्या यूपी20-बीई-9915 से आईएसबीटी पहुंचा, लेकिन इस दौरान रास्ते में ही उसने तीनों की हत्या की साजिश रच डाली।

फैक्ट्री में सुलाया, नींद में गला घोंटकर मार डाला

हसीन ने पुलिस को बताया, कि वह पटेलनगर के ब्रह्मपुरी क्षेत्र में कमरा लेकर रहता है। वह रेशमा को कमरे पर नहीं ले जाना चाहता था। ऐसे में वह तीनों को फैक्ट्री में ही ले आया। यहां खाना खिलाने के बाद, उसने तीनों के सो जाने का इंतजार किया।

रेशमा और दोनों बच्चियां जब गहरी नींद में सो गयीं, तब उसने सबसे पहले दुपट्टे से रेशमा का गला घोंटकर मार डाला। इसके बाद उसने आयत और आयशा के नाक-मुंह दबाकर मौत के घाट उतार दिया। रात को ही वह, एक-एक कर आयशा और आयत के शव बाहर ले गया और उन्हें सूखे नाले में फेंक दिया। वहीं, रेशमा का शव कूड़ेदान में कचरे के ढेर के नीचे दबा दिया।

खुलासे पर पुलिस टीम को 25 हजार का इनाम

ब्लाइंड मर्डर केस का, 72 घंटे के भीतर खुलासा करने पर, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने टीम की सराहना की है। उन्होंने कहा, कि खुलासा करने वाली टीम को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जायेगा। वहीं, आईजी गढ़वाल ने पुलिस टीम को 25 हजार का इनाम देने की घोषणा की है।

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