Uttarakhand Assembly: उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विधायकों के बीच टोकाटाकी के भी दौर चले। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक दिलीप रावत महंत और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के बीच चर्चा में कभी तल्ख तो कभी चुटीली टिप्पणियां होती दिखीं।
बुधवार को सत्र के दूसरे दिन मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल राशन कार्डों के नहीं बनने और पात्रों को लाभ नहीं मिलने के सवालों पर जवाब दे रहे थे। लगभग सभी विधायकों का कहना था कि अपात्र लोगों ने कार्ड बनवा लिये हैं, जबकि पात्र लोगों को कहा जा रहा है कि कार्ड नहीं बन सकते।
मंत्री अग्रवाल एक-एक कर सभी विधायकों को जवाब देते हुये जानकारी दे रहे थे। इस दौरान लैंसडौन विधायक दिलीप रावत महंत ने भी अपना सवाल रखा। उन्होंने पूछा कि राशन कार्ड बनाने का लक्ष्य किस तरह तय होता है, इसके मानक क्या रखे गये हैं?
उनका कहना था कि कभी किसी गांव में जनसंख्या बढ़ जाती है, लेकिन कार्डों की संख्या उस अनुपात में नहीं बढ़ती। इस पर मंत्री अग्रवाल जवाब देने लगे। उन्होंने अभी राशनकार्ड पात्रता के बारे में बताना शुरू किया ही था कि विधायक रावत ने उन्हें टोक दिया।
विधायक बोले कि मंत्री जो जानकारी दे रहे हैं, वह प्रदेश स्तरीय मानक है। गांव में संख्या बढ़ने पर कैसे मानक तय होगा, वह यह जानना चाहते हैं। इस पर मंत्री ने उन्हें बताया कि अगर किसी गांव में 10 अपात्र हटते हैं तो उतने ही पात्रों के नये कार्ड बनाये जा सकते हैं।
लेकिन, विधायक रावत मंत्री के इस उत्तर से संतुष्ट नहीं थे। मंत्री ने उन्हें जवाब सुनने को कहा और कार्ड के लिये पात्रता की जानकारी देने लगे। विधायक रावत फिर उठे और कहा कि वह मानक पूछ रहे हैं, जबकि मंत्री पात्रता बता रहे हैं। इस दौरान विधायक ने मंत्री से एक और सवाल कर डाला।
विधायक ने कहा कि वह यह भी जानना चाहते हैं कि जिन बच्चों के अभिभावकों का निधन हो गया हो और उनकी उम्र 18 से कम हो, उनके कार्डों के लिये क्या प्रक्रिया अपनायी जायेगी? इस दौरान विधायक ने मंत्री से कहा कि आप एक और कहानी सुना देना तो सदन में ठहाके गूंजने लगे।
इस पर मंत्री अग्रवाल ने कहा कि वह मानकों पर ही आ रहे थे। खुद चार बार विधायक रहकर भी सभी पात्रताएं और मानक नहीं जानते हैं। ऐसे में विधायक रावत के सवाल के जवाब में पूरे सदन को भी यह जानकारी मिल सकेगी। वह एक बार फिर मानक पढ़ने लगे।
इसी बीच नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य उठे और मंत्री से कहा कि वे मानकों की जानकारी लिखित में विधायक को दे दें। इस पर मंत्री ने कहा कि जब जवाब लिखित दिया जाता है तो सदन में बोलने की मांग उठती है, अब बताया जा रहा है तो लिखित के लिये कहा जा रहा।
इस दौरान मंत्री ने भी चुटकी लेने का मौका नहीं छोड़ा और कहा कि ‘नेता प्रतिपक्ष का धन्यवाद, वह आज हमारे दिलीपजी का पूरा ध्यान रख रहे हैं।’ इस दौरान विधायक रावत ने कहा कि वह रामादल की तरफ हैं। उन्होंने जवाब लिखित लेने की बात भी कह दी। इस पर फिर ठहाके लगे।
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष आर्य ने पूछा कि क्या राज्य सरकार अपात्र लोगों के कार्ड बनने के मामले में जांच अभियान चलाने जा रही है? वहीं, विधायक रावत को लेकर बोले कि उनसे पुराना रिश्ता है। आर्य ने कहा कि वह रावत के पिता (पूर्व विधायक भारत सिंह रावत) के साथ विधायक बने थे।
एक लाख 82 हजार कार्ड: सदन में विधायकों के सवालों के जवाब देते हुये मंत्री अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखंड में बीपीएल राशनकार्ड की लिमिट 1.84 लाख है। इसके सापेक्ष अब तक एक लाख 82 हजार कार्ड बनाये जा चुके हैं। बताया कि कार्डों की कुल संख्या को बढ़ाया नहीं जा सकता।
अपात्रों की जानकारी दें, जांच करेंगे: विधायक सुमित हृदयेश, दुर्गेश्वर लाल ने अपात्र लोगों के बीपीएल कार्ड की बात कही। इस पर मंत्री ने कहा कि विभागीय जानकारी के अनुसार कार्ड पात्रता जांच के बाद ही बने हैं। फिर भी कहीं ऐसा है तो विधायक जानकारी दें, इन मामलों की जांच करवायी जायेगी।