Uttarakhand ByPolls 2024: उत्तराखंड की बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीटों पर, उपचुनाव के लिये, कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने, बद्रीनाथ में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लखपत सिंह बुटोला और मंगलौर में पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन को मैदान में उतारा है। भाजपा इन दोनों सीटों पर पहले ही, अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।

उत्तराखंड में, चमोली जिले की बद्रीनाथ और हरिद्वार जिले की मंगलौर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। बद्रीनाथ से निवर्तमान विधायक, राजेंद्र सिंह भंडारी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गये हैं। इससे यह सीट खाली चल रही थी। वहीं, मंगलौर में विधायक सरवत करीम अंसारी का निधन होने के बाद से, यह सीट भी खाली है।

चुनाव आयोग की ओर से, विधानसभा उपचुनाव के लिये, 14 जून को गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। इसके साथ ही, भारतीय जनता पार्टी ने भी, दस जून को ही दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये थे। भाजपा ने, बद्रीनाथ में निवर्तमान विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी को ही टिकट दिया है। वहीं, मंगलौर सीट पर यूपी के पूर्व विधायक करतार सिंह भड़ाना को उतारा है।

सोमवार को, कांग्रेस ने भी दोनों विधानसभा सीटों पर, अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी की गयी सूची में, बद्रीनाथ से लखपत सिंह बुटोला को पार्टी प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं, मंगलौर क्षेत्र से काजी मोहम्मद निजामुद्दीन को टिकट दिया गया है।

हिमाचल से भी कांग्रेस के दो प्रत्याशियों की घोषणा

सोमवार को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी, विज्ञप्ति में हिमाचल प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के लिये भी, दो प्रत्याशी घोषित किये गये हैं। पार्टी ने, हमीरपुर विधानसभा सीट के लिये डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा को मैदान में उतारा है। वहीं, नालागढ़ सीट पर हरदीप सिंह बावा को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है।

पेश से वकील, पत्रकार और स्कूल के निदेशक हैं बुटोला

मूलतः चमोली और हाल जोगीवाला, देहरादून निवासी लखपत सिंह बुटोला राजनीति से इतर, पत्रकार और वकील भी रहे हैं। इसके अलावा, देहरादून के रायपुर रोड, थानो स्थित सौड़ा सरौली में धर्मा इंटरनेशनल स्कूल के नाम से, उनका स्कूल भी है। बुटोला, इस विद्यालय की प्रबंध समिति के निदेशक हैं।

पंचायत से लेकर प्रदेश संगठन तक अच्छी पकड़

लखपत सिंह बुटोला, चमोली जिला पंचायत की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं। 2018 में उन्हें, तब जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी संभालने का भी मौका मिला, जब तत्कालीन अध्यक्ष मुन्नी देवी थराली उपचुनाव में विधायक चुन ली गयी थीं। इससे पहले बुटोला जिला पंचायत उपाध्यक्ष थे। वहीं, कांग्रेस संगठन में भी बुटोला प्रदेश प्रवक्ता रहे हैं।

दो बार बसपा, एक बार कांग्रेस के टिकट पर जीते काजी निजामुद्दीन मंगलौर सीट से लगातार छठी बार चुनाव मैदान में उतरे

कांग्रेस ने, मंगलौर विधानसभा सीट पर एक बार फिर काजी निजामुद्दीन के ही चेहरे पर भरोसा जताया है। काजी निजामुद्दीन 2002 से 2024 उपचुनाव तक, लगातार छठी बार, मंगलौर विधानसभा सीट के लिये चुनावी मैदान में उतरे हैं।

काजी निजामुद्दीन अब तक तीन बार, मंगलौर के विधायक चुने जा चुके हैं। 2002 और 2007 में, काजी निजामुद्दीन ने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। दोनों बार, कांग्रेस से सरवत करीम अंसारी उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे।

2012 में सरवत करीम अंसारी बसपा में चले गये, तो काजी निजामुद्दीन कांग्रेस में आ गये। अंसारी ने यह चुनाव जीत लिया। 2017 में फिर काजी निजामुद्दीन ने, यह सीट अंसारी से छीनकर कांग्रेस की झोली में डाल दी। लेकिन 2022 में एक बार फिर, अंसारी ने बसपा प्रत्याशी के तौर पर दोबारा जीत हासिल की।

बहुजन समाज पार्टी ने सरवत के बेटे उबेद-उर-रहमान को उतारा

बहुजन समाज पार्टी ने, मंगलौर सीट पर पूर्व विधायक सरवत करीम अंसारी के ही परिवार पर भरोसा जताया है। पार्टी ने, मंगलौर सीट पर हर चुनाव में उम्मीदवार रहे, अपने पूर्व विधायक सरवत करीम अंसारी के बेटे, उबेद-उर-रहमान उर्फ मोंटी को विधानसभा उपचुनाव के लिये प्रत्याशी बनाया है।

 

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