Uttarakhand Disaster: भारी बारिश से चमोली जिले के दशोली क्षेत्र में तबाही के करीब 15 दिन बाद भी हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। वहीं, उत्तरकाशी के पुरोला में भी हालात खराब हैं। इस बीच इन क्षेत्रों से ग्रामीणों की मजबूरी और सरकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारी के दो वीडियो वायरल हुये हैं।

चमोली जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर दशोली ब्लॉक के कोंज पोथनी, काना में 13 अगस्त को बादल फट गया था। इससे कई घरों में मलबा भर गया, जबकि क्षेत्र के सम्पर्क मार्ग भी तबाह हो गये हैं। गांव का पंचायत घर और प्राइमरी स्कूल भी टूट गया है। अब 15 दिन बाद भी यहां के रास्ते नहीं खुल सके हैं।

इससे ग्रामीणों को खासी दिक्कत उठानी पड़ रही है। आपदा के बाद कई वाहन गांव में फंसे हैं। कई दिनों से सड़क खुलने का इंतजार कर रहे क्षेत्र के युवा आखिर शनिवार को बाइक कंधों पर उठाकर निकल पड़े। दरअसल, घर-परिवार की रोजी-रोटी के लिये इन युवाओं को काम करने के लिये निकलना था। ऐसे में उन्हें बाइक नजदीकी सड़क तक पहुंचाना जरूरी हो गया था।

उधर, उत्तरकाशी जिले में पुरोला ब्लॉक भी आपदा से प्रभावित है। यहां भी कई गांवों की सड़कें टूटी होने के कारण स्वास्थ्य विभाग के अनिवार्य शिशु टीकाकरण अभियान पर असर पड़ रहा था। माताएं बच्चों को लेकर अस्पताल नहीं आ पा रहीं। इसे देखते हुये स्वास्थ्य विभाग ने टीमें गांवों में भेजने का निर्णय लिया।

शनिवार को ब्लॉक पुरोला में तैनात एएनएम गरिमा, आशा सुलभकत्री निर्मल कंडियाल, आशा विजयलक्ष्मी और शर्मिला बच्चों के वैक्सीनेशन के लिये निकलीं। इस दौरान टीम ने न सिर्फ ट्रॉली की मदद से नदी पार की, बल्कि सरनोल से ग्राम सरवडियार तक 15 किलोमीटर दूरी भी पैदल तय की। टीम ने गांव में बच्चों का टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक पूरा किया।

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