Uttrakhand Disaster: पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर ब्लॉक से आपदा के कहर की भयावह तस्वीरें सामने आयी हैं। पांच दिन के भीतर यहां दूसरी बार बारिश का कहर बरपा है। हेंवल नदी समेत क्षेत्र के तमाम बरसाती गदेरों में आये उफान ने कई गांवों को तबाह कर दिया है। बैरागढ़ गांव में कई घर टूट गये हैं। गांव पूरी तरह मलबे के ढेर में बदला नजर आ रहा है।

यमकेश्वर में 13 अगस्त की रात भारी बारिश के बाद कई जगह भूस्खलन, नदियों-गदेरों के उफनाने से खासा नुकसान हुआ था। लक्ष्मणझूला क्षेत्र के मोहनचट्टी में रिजॉर्ट पर मलबा गिरने से हरियाणा के सैलानी परिवार के पांच सदस्य मारे गये थे। वहीं, बरसाती गदेरे में एक माँ अपने दो बच्चों संग बह गयी थी।

वहीं, गरुड़चट्टी से मोहनचट्टी तक मार्च कई जगह बाधित था। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई जगह पहाड़ियों से भारी भूस्खलन हुआ था। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यमकेश्वर क्षेत्र में हवाई दौरा कर नुकसान का जायजा लिया था। अब गुरुवार रात भारी बारिश के बाद क्षेत्र को एक बार फिर आपदा के गहरे जख्म मिले हैं।

क्षेत्र में हेंवल नदी, रवासण नदी, ताल नदी, त्योडो नदी समेत सभी बरसाती गदेरे भी उफान पर आ गये। इससे इन नदियों-गदेरों के किनारे बसे गांवों में पूरी रात ग्रामीण दहशत में रहे। भारी बारिश होते ही लोग घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर चले गये थे। इससे कोई हताहत नहीं हुआ।

शुक्रवार सुबह गांवों का नजारा देख लोगों का दर्द और बढ़ गया। सिन्दूड़ी ग्राम पंचायत के बैरागढ़ में तो बारिश ने भारी तबाही मचायी है। यहां कुत्ताकटली गदेरे ने गुरुवार रात अपना रुख बदल लिया और गांव के बीच से बहने लगा। गदेरे से भारी मात्रा में मलबा गांव के घरों में भर गया है।

गदेरे के पानी के तेज बहाव की चपेट में आकर यहां कई मकान ढह गये हैं, जो बचे हैं वे मलबे के ढेर में बदल चुके हैं। गांव तक पहुंचने के सभी रास्ते भी गायब हो चुके हैं। इससे गांव तक राहत पहुंचाने भी मुश्किल बना हुआ है। उधर, ब्लॉक में कई अन्य गांव भी भूस्खलन, बंद रास्तों से जूझ रहे हैं।

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