Vigilance Action: पौड़ी गढ़वाल जिले में तैनात, एक वन दरोगा को, 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथों धरा गया है। मुर्गी और बकरी पालन के लिये मिलने वाले, अनुदान की मंजूरी दिलाने के नाम पर, एक ग्रामीण से यह रकम, बतौर रिश्वत मांगी गयी थी।
जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले, सतर्कता अधिष्ठान (Vigilance Establishment) के टोल फ्री नंबर पर, पौड़ी गढ़वाल जिले के पाबौ पैठाणी क्षेत्र के एक गांव निवासी ने शिकायत दर्ज करायी थी। बताया था, कि मार्च में पाबौ वन पंचायत की एक सभा में अन्य ग्रामीणों के साथ वह भी मौजूद थे।
ग्रामीण ने विजिलेंस अधिकारियों को बताया, कि वन पंचायत की इस सभा में, अधिकारियों की ओर से, आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिये, मुर्गी और बकरी पालन के लिये, सरकार की ओर से मिलने वाली अनुदान राशि की जानकारी दी गयी थी। इस अनुदान को प्राप्त करने के लिये, आवेदन प्रक्रिया के बारे में भी बताया गया।
ग्रामीण के अनुसार, उन्होंने भी इस योजना के तहत बकरी पालन के लिये, अनुदान प्राप्त करने के लिये, आवेदन किया था। बताया कि, इसकी जानकारी मिलने पर, क्षेत्र में तैनात वन दरोगा हंसराज पंत ने उनसे संपर्क किया। वन दरोगा ने ग्रामीण को सही तरीके से आवेदन पत्र भरवाने, और अनुदान राशि जारी करवाने की बात कही।
ग्रामीण ने शिकायत की थी, कि वन दरोगा ने, इस काम के एवज में 15 हजार रुपये की मांग कर डाली। ग्रामीण ने विजिलेंस को बताया था, कि वह सरकारी अनुदान चाहते हैं, लेकिन वन दरोगा को घूस की यह रकम नहीं देना चाहते हैं। ग्रामीण ने वन दरोगा के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग विजिलेंस से की थी।
शिकायत पर, विजिलेंस की ओर से, प्रारंभिक स्तर पर जांच करवायी गयी। जांच में शिकायत सही पाये जाने पर, मंगलवार को ग्रामीण को उक्त वन दरोगा से मिलने के लिये भेजा गया। ग्रामीण ने वन दरोगा को चाकीसैंण-पाबौ रेंज में रकम देने की बात कही।
विजिलेंस की एक टीम, पहले से मौके पर पहुंच गयी थी। ग्रामीण ने जैसे ही, 15 हजार की रकम, वन दरोगा हंसराज पंत को सौंपी, विजिलेंस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार, विजिलेंस टीम वन दरोगा को अपने साथ ले गयी है। उसकी गिरफ्तारी की जानकारी, वन विभाग को भी दे दी गयी है।
वन विभाग के स्तर पर भी होगी कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, विजिलेंस की ओर से, वन विभाग के अधिकारियों को वन दरोगा को गिरफ्तार करने की आरंभिक सूचना दे दी गयी है। विभागीय स्तर पर, अब कागजी कार्रवाई की भी जानकारी वन विभाग को दी जायेगी। माना जा रहा है, विजिलेंस कार्रवाई के बाद, अब वन दरोगा पर वन विभाग की ओर से भी कार्रवाई तय है।
टोल फ्री नंबर 1064 पर दर्ज करायें शिकायत
उत्तराखंड में कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी आपसे किसी काम के एवज में रिश्वत की मांग करता है, तो आप विजिलेंस के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके लिये सतर्कता निदेशालय उत्तराखंड के टोल फ्री नंबर 1064 पर कॉल कर जानकारी दी जा सकती है। इसके अलावा निदेशालय के व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर मैसेज के जरिये भी आप पूरे मामले की जानकारी दे सकते हैं। शिकायत पर जांच के बाद कार्रवाई की जाती है।
राजस्व उपनिरीक्षक को सुनायी गयी है तीन साल की सजा
हाल में, आय प्रमाणपत्र की रिपोर्ट तैयार करने के एवज में, रिश्वत लेते पकड़े गये राजस्व उपनिरीक्षक को अदालत ने तीन साल की सजा सुनायी है। उपनिरीक्षक राम सिंह को, 27 अप्रैल 2018 को हल्द्वानी में रंगेहाथों पकड़ा गया था। मामले की सुनवाई, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम/विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी नीलम रात्रा की अदालत में चल रही थी।
14 मई को अदालत ने राम सिंह को तीन वर्ष के कठोर कारावास के साथ 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है। जुर्माने की रकम अदा नहीं करने की स्थिति में दोषी को छह माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
बिजली कनेक्शन के नाम पर ले रहे थे रिश्वत
घूस का ऐसा ही एक मामला, बीते दिनों देहरादून में भी सामने आया था। वहां, शिकायतकर्ता ने विजिलेंस को बताया था, कि उनके मकान में लगा बिजली कनेक्शन, उनके बेटे के नाम पर है। उन्होंने एक किलोवाट के नये कनेक्शन के लिये आवेदन किया था। घर पर नया कनेक्शन लगाने के एवज में लाइनमैन शशेंद्र सिंह रावत और प्रमोद ने 4500 रुपये की घूस मांगी थी। विजिलेंस ने सात मई को दोनों को रंगेहाथों पकड़ लिया था।
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