Dwarahat News: अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट में कांग्रेस विधायक औैर विपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्रौद्योगिकी संस्थान (इंजीनियरिंग कॉलेज) निदेशक के बीच विवाद के बाद शहर में हर तरफ हंगामा है। निदेशक की तहरीर पर पुलिस ने विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है, वहीं कॉलेज के छात्र भी विधायक के विरोध में सड़कों पर उतर गये हैं। दूसरी ओर, विधायक ने भी कॉलेज निदेशक के खिलाफ पुलिस को तहरीर सौंपी है।
जानकारी के अनुसार शनिवार रात इंजीनियरिंग कॉलेज में विधायक मदन बिष्ट और उनके समर्थकों ने हंगामा कर दिया था। विधायक का कहना था कि वह संस्थान के कर्मचारियों की मांगों को लेकर निदेशक प्रो केएस मेर से बात करना चाहते थे, लेकिन निदेशक ने कई बार कॉल करने के बाद भी उनका फोन अटेंड नहीं किया। इसके बाद रात दस बजे विधायक बिष्ट अपने कुछ समर्थकों संग कॉलेज पहुंच गये थे।
उधर, घटना के दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस वीडियो में विधायक बिष्ट कॉलेज के कर्मचारियों और अन्य लोगों से गालीगलौज करते दिखे हैं। एक अन्य वीडियो में विधायक निदेशक के सरकारी आवास का दरवाजा पीटते और खींचते हुये नजर आये हैं। आरोप है कि विधायक के साथ आये लोगों ने दरवाजा तोड़ने तक की कोशिश की।
काफी हंगामे के बाद विधायक और उनके समर्थक लौट गये थे। मामले में निदेशक प्रोफेसर मेर की ओर से पुलिस को तहरीर सौंपी गयी थी। निदेशक ने आरोप लगाया कि विधायक ने पहले अपने प्रतिनिधि नारायण सिंह रावत के फोन से कॉल की तो उनके साथ बात की गयी थी। आरोप है कि इस बातचीत के दौरान ही विधायक उनके साथ अभद्रता और गालीगलौज करने लगे थे।
कॉल पूरी होने के बाद विधायक की ओर से दोबारा फोन आने लगा तो उन्होंने अभद्र शैली में बात किये जाने के कारण फोन नहीं उठाया। इस पर कुछ ही देर बाद विधायक उनके आवास पर आ धमके। निदेशक का कहना था कि इस दौरान विधायक और उनके समर्थकों के बर्ताव से उनका परिवार बुरी तरह सहम गया। उन्होंने पुलिस से मामले में कार्रवाई के साथ परिवार को सुरक्षा प्रदान करने की भी मांग उठायी।
इस मामले में पुलिस ने विधायक मदन बिष्ट और उनके प्रतिनिधि नारायण सिंह रावत के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया। निदेशक की ओर से तहरीर सौंपे जाने की तहरीर मिलते ही विधायक बिष्ट भी अपने समर्थकों संग थाने पर पहुंच गये और निदेशक के खिलाफ तहरीर सौंपी। विधायक ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया है कि निदेशक ने उनके साथ अभद्रता की है। पुलिस विधायक की तहरीर पर जांच कर रही है।
उधर, सोमवार को इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है। घटना और मुकदमे को लेकर सियासत तेज हो गयी है। पूर्व विधायक और यूकेडी नेता पुष्पेश त्रिपाठी ने कहा कि कॉलेज निदेशक के साथ इस तरह अभद्रता किया जाना बिल्कुल गलत है। उन्होंने राज्य सरकार से पूरे मामले की जांच करने की मांग की है। दूसरी ओर, कॉलेज के छात्र भी सोमवार को सड़कों पर निकल आये। उन्होंने विधायक के खिलाफ नारेबाजी करते हुये शहर में प्रदर्शन किया और कार्रवाई की मांग की।
माफी मंगवाना चाहते थे विधायकः बताया जा रहा है कि विधायक मदन बिष्ट कॉलेज निदेशक के फोन नहीं उठाने से नाराज थे। वह चाहते थे कि निदेशक इसके लिये उनसे माफी मांगें। यही वजह रही कि वे रात को ही कॉलेज पहुंच गये और निदेशक को घर से बाहर बुलाने की जिद पर अड़ गये।
विधायक बोले, प्रोटोकॉल का उल्लंघनः विधायक मदन बिष्ट का कहना है कि वह मेस और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की मांगों के संबंध में निदेशक से बात करना चाहते थे। उनका कहना है कि उन्होंने पहले प्रतिनिधि के फोन से और फिर खुद अपने फोन से छह बार निदेशक को कॉल की, लेकिन एक बार भी निदेशक ने कॉल अटेंड नहीं की। आरोप है कि यह जनप्रतिनिधि के प्रोटोकॉल गाइडलाइन का उल्लंघन है। उनका कहना है कि यह मामला वह विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के समक्ष भी रखेंगे।
आमरण अनशन का भी किया ऐलानः मुकदमा दर्ज होने के बाद विधायक मदन बिष्ट का गुस्सा और बढ़ गया है। उन्होंने निदेशक के खिलाफ खुला मोर्चा खोलते हुये ऐलान किया है कि अगर राज्य सरकार ने 15 दिन के भीतर निदेशक का तबादला नहीं किया तो वह इंजीनियरिंग कॉलेज के गेट पर ही अपने समर्थकों के साथ आमरण अनशन शुरू कर देंगे।
भाजपा के इशारे पर काम का आरोपः विधायक बिष्ट का आरोप है कि कॉलेज निदेशक प्रोफेसर मेर भाजपा सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह कांग्रेस से हैं तो निदेशक संस्थान से जुड़े किसी भी काम या समस्या को लेकर उनकी सुनने तक को तैयार नहीं हैं। कहा कि वह कर्मचारियों के हितों की आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन निदेशक ने राजनीतिक दबाव में उनके साथ ही अभद्रता कर डाली।