Arvinder Singh Lovely: दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे त्यागपत्र में लवली ने सिलसिलेवार तरीके से 11 वजहों का जिक्र किया है, जिनके चलते उन्होंने यह फैसला लिया। उन्होंने कांग्रेस के महासचिव और दिल्ली प्रभारी पर भी सवाल उठाये हैं। उधर, लवली के इस्तीफे के बाद कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुट गयी है। संदीप दीक्षित समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता लवली से मुलाकात करने पहुंचे हैं।
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष का इस्तीफा
लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चार पन्नों पर लिखा त्यागपत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने अपने निर्णय के पीछे की वजहों का विस्तार से जिक्र किया है। लवली के इस्तीफे में आठ महीने के प्रदेश अध्यक्ष कार्यकाल के दौरान दिल्ली में पार्टी को मजबूत करने की कोशिश के साथ, 11 बिंदुओं में बताया गया है कि किस तरह वह दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद खुद को कुछ भी कर पाने में असमर्थ महसूस कर रहे थे। लवली के इस पत्र से पार्टी की अंदरूनी सियासत की भी परतें खुलती नजर आ रही हैं।
1. मेरे हर फैसले को बदला, कोई दायित्व तक नहीं दे सका
लवली ने कांग्रेस महासचिव और दिल्ली प्रभारी (दीपक बाबरिया का नाम लवली ने नहीं लिखा है) का जिक्र करते हुये लिखा है- ‘दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के निर्णयों पर रोक लगायी जाती है। प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद मुझे प्रदेश कांग्रेस कमेटी में पदाधिकारियों को दायित्व नहीं सौंपने दिये गये। मैंने एक वरिष्ठ नेता को मीडिया प्रमुख बनाने का प्रस्ताव रखा, लेकिन इसे भी सिरे से खारिज कर दिया गया। आज तक दिल्ली में ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की अनुमति नहीं दी गयी है। इसके कारण, दिल्ली के 150 ब्लॉकों में कांग्रेस का कोई अध्यक्ष नहीं है।’
#WATCH | Several Congress leaders including Sandeep Dikshit arrive at the residence of Arvinder Singh Lovely in Delhi
Arvinder Singh Lovely, resigned from the position of Delhi Congress president, earlier today. pic.twitter.com/DFhlcWNlW6
— ANI (@ANI) April 28, 2024
2. दिल्ली कांग्रेस आप से गठबंधन नहीं चाहती थी
लवली ने लिखा है- ‘दिल्ली कांग्रेस कमेटी आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं चाहती थी। आप वह पार्टी है, जिसने कभी कांग्रेस सरकार पर झूठे, भ्रामक आरोप लगाये थे। आज उसी आम आदमी पार्टी सरकार के सीएम और मंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में हैं। इसके बावजूद केंद्रीय नेतृत्व के गठबंधन के निर्णय का हमने समर्थन किया।’
न चाहते हुये भी, केजरीवाल के घर मुलाकात के लिये गया
लवली ने इसी बिंदु में आगे लिखा है- ‘व्यक्तिगत रूप से पाटी नेतृत्व से अलग विचार रखने के कारण, न चाहते हुये भी, पार्टी गठबंधन की खातिर और पार्टी महासचिव के निर्देश पर, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की रात मैं, संदीप दीक्षित, सुभाष चोपड़ा के साथ केजरीवाल के घर उनसे मुलाकात के लिये पहुंचा।’
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#WATCH | Delhi: Arvinder Singh Lovely says, "Mentioning the principles and the pain felt by the Congress workers, I have resigned from the post of Delhi Congress chief. I want to thank the Congress workers who came to meet me…" pic.twitter.com/DSZ2bKkB4Y
— ANI (@ANI) April 28, 2024
3. तीन नहीं, सातों सीटों पर चुनाव लड़ना था
लवली का मानना है कि कांग्रेस को दिल्ली की सातों संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिये था। उन्होंने लिखा है- ‘बिंदु दो में उल्लिखित गठबंधन के कारण दिल्ली में कांग्रेस को सिर्फ तीन ही संसदीय सीटें दी गयीं, जबकि आम आदमी पार्टी ने चार लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।’
4. पार्टी के लिये अपनी दावेदारी वापस ले ली
लवली ने पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गौतम गंभीर का सामना किया था। इस बार भी वह कांग्रेस टिकट के दावेदार थे। अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा है- 12 मार्च 2024 को गठबंधन में कांग्रेस को तीन ही सीटें मिलने की जानकारी के बाद, उन्होंने पार्टी और वरिष्ठ नेताओं के हित में सार्वजनिक रूप से पार्टी टिकट पर अपना दावा वापस ले लिया था।
5. दो सीटों पर ऐसे प्रत्याशी, जिन्हें कोई नहीं जानता
लवली ने अपने इस्तीफे में कांग्रेस प्रत्याशियों के चयन पर भी सवाल खड़े किये हैं। लवली ने लिखा है- ‘कांग्रेस ने तीन में से दो सीटों, उत्तरी पश्चिमी दिल्ली और उत्तरी पूर्वी दिल्ली पर ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जिन्हें दिल्ली कांग्रेस स्थानीय कार्यकर्ता-पदाधिकारी तक अच्छे से नहीं जानते हैं। बता दें कि इन दोनों सीटों पर उदित राज और कन्हैया कुमार कांग्रेस प्रत्याशी हैं।’
6. प्रत्याशियों पर प्रदेश कमेटी की नहीं ली कोई राय
लवली ने लिखा है- ‘हालांकि, पार्टी के प्रत्याशियों के चयन का अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व का ही होता है, लेकिन पूर्वोक्त दोनों प्रत्याशियों की दावेदारी या चयन और औपचारिक घोषणा तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी से एक बार भी किसी तरह की कोई राय नहीं ली गयी। ऐसा होता तो प्रदेश कमेटी स्थानीय नेताओं, कार्यकर्ताओं को इस फैसले के बारे में पहले से तैयार कर लेती।’
केंद्रीय नेतृत्व ने आज तक नहीं की है चर्चा
लवली ने आगे लिखा है- ‘प्रत्याशियों की घोषणा के बाद स्थानीय स्तर पर नेताओं-कार्यकर्ताओं में खासी हताशा है। इसके बावजूद केंद्रीय नेतृत्व ने आज तक भी उनसे चुनाव की तैयारियों को लेकर कोई चर्चा तक नहीं की है। उन्होंने लिखा है- इसके बाद भी मैंने नाराज और हताश पार्टी नेताओं से बातचीत की।’
7. एकजुटता दिखाने के लिये खुद किया प्रयास
लवली ने लिखा है- ‘उच्च नेतृत्व से कोई बातचीत नहीं होते देख, उन्होंने प्रदेश स्तर पर तीनों प्रत्याशियों के समर्थन में स्वयं ही एक प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान बाहर बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर प्रत्याशी चयन को लेकर विरोध दर्ज कराया। इस पर मैंने पार्टी की लोकतांत्रिक व्यवस्था का हवाला देकर एकजुटता दिखाने का प्रयास किया और कहा कि पार्टी के हर कार्यकर्ता को अपनी राय रखने की पूरी स्वतंत्रता है।’
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8. दिल्ली नेताओं के निलंबन का बनाया दबाव
लवली ने लिखा- ‘पार्टी प्रभारी ने मुझे दिल्ली के पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान, पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार और अन्य नेताओं को निलंबित करने के लिये कहा। उन्होंने स्थिति को शांतिपूर्वक निपटाने की कोई कोशिश नहीं की। इसके बजाय, सार्वजनिक बैठकों में, कई बार उनकी पूर्व सांसद संदीप दीक्षित, पूर्व मंत्री चौहान, पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार और भीष्म शर्मा से बहस हुयी।’
9. पार्टी प्रत्याशी (उदित राज) की टिप्पणियों ने हालात बिगाड़े
लवली ने लिखा है- ‘हालात को और ज्यादा बिगाड़ने में पार्टी के उत्तर पश्चिमी दिल्ली प्रत्याशी (उदित राज, नाम नहीं लिखा है) की टिप्पणियों का बड़ा योगदान है। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं का अपमान किया। इसके बाद उन्होंने मुझे कई पत्र लिखे, जिनमें पार्टी के कई स्थानीय नेताओं, कार्यकर्ताओं को निलंबित करने के लिये कहा गया।’
10. पार्टी प्रत्याशी कन्हैया कुमार कर रहे आप की झूठी प्रशंसा
लवली ने लिखा है- ‘पार्टी के उत्तर पूर्वी दिल्ली प्रत्याशी (कन्हैया कुमार, नाम नहीं लिखा है) आम आदमी पार्टी सरकार और दिल्ली सीएम की प्रशंसा में बयान दे रहे हैं। यह पार्टी की पहले से चल रही लाइन और स्थानीय कार्यकर्ताओं के विश्वास तथा जमीनी सच्चाई के विपरीत है। प्रत्याशी ने स्कूलों, स्वास्थ्य, सड़क-बिजली जैसे मुद्दों पर आप के प्रोपगेंडा को बढ़ाया है।’
#WATCH | Delhi: On the resignation of Delhi Congress President Arvinder Singh Lovely, Congress leader Sandeep Dikshit said, "… Being the Congress President and a Congress worker, he (Arvinder Singh Lovely) has a personal pain… His pain is that we are struggling to bring back… pic.twitter.com/zovec7o4n6
— ANI (@ANI) April 28, 2024
11. गठबंधन मजबूरी, लेकिन तथ्यों को ध्यान रखना जरूरी
अंतिम बिंदु में लवली ने लिखा है- ‘इस तरह के तथ्यों के विपरीत बयानों ने स्थानीय स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को भ्रमित कर दिया है। स्थानीय कार्यकर्ता-नेता-पदाधिकारी मानते हैं कि लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिये आप के साथ गठबंधन मजबूरी था, लेकिन इसके चलते आम आदमी पार्टी के झूठे प्रोपगेंडा की प्रशंसा करना उचित नहीं है।’
आप ने शीला दीक्षित के किये कार्यों को बर्बाद किया
लवली ने आगे लिखा है कि पार्टी प्रत्याशी इस तथ्य से नावाकिफ हैं कि आम आदमी पार्टी के कार्यकाल में दिल्ली के स्कूलों, अस्पतालों और बुनियादी ढांचे में कोई उल्लेखनीय काम नहीं हुआ है। हालात यह हैं कि शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जो काम दिल्ली में हुये थे, उन्हें भी आप ने बर्बाद कर दिया है।