Action: कोटद्वार अस्पताल में अव्यवस्थाओं पर स्वास्थ्य सचिव की नाराजगी का असर नजर आ गया है। सचिव की ओर से पौड़ी गढ़वाल जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) समेत चार डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। वहीं, दो डॉक्टरों का वेतन भी रोक दिया गया है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार गुरुवार कोटद्वार अस्पताल में डेंगू रोगियों के इलाज की व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान डेंगू वार्ड और पैथोलॉजी लैब में खामियां नजर आने पर सचिव ने कड़ी नाराजगी जतायी थी।
इसके बाद से ही यह तय माना जा रहा था कि अस्पताल में लापरवाहियों पर सम्बन्धित अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। शुक्रवार को सचिव की ओर से अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. विजयेश भारद्वाज को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया।
निरीक्षण के दौरान अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में भी बड़ी खामियां सामने आयी थीं। सचिव ने मौके पर ही पैथोलॉजिस्ट और लैब टेक्नीशियनों को सख्त निर्देश दिये थे। शुक्रवार को पैथोलॉजिस्ट डॉ. सुप्रिया को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
सचिव ने निरीक्षण के बाद स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने पौड़ी गढ़वाल जिले के सीएमओ डॉ. प्रवीण कुमार को भी नोटिस जारी किया है। सचिव ने गुरुवार को भी सीएमओ से कोटद्वार अस्पताल में खामियों पर नाराजगी जताते हुये इन्हें दुरुस्त करने को कहा था।
जवाब मिलने के बाद अगला कदम: सीएमओ, सीएमएस और पैथोलॉजिस्ट को जारी नोटिस में पूछा गया है कि कोटद्वार अस्पताल में व्यवस्थाएं बेहतर क्यों नहीं हैं? पूछा गया है कि इन व्यवस्थाओं को ठीक नहीं कर पाने में उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न कि जाये? बताया जा रहा है कि सम्बन्धित की ओर से जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।
फिजीशियन और पैथोलॉजिस्ट का वेतन रोका: स्वास्थ्य सचिव के निरीक्षण के दौरान अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. जगदीश चंद्र ध्यानी सचिव को ठीक से जानकारी नहीं दे सके थे। सचिव ने उनसे अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती एक मरीज के इलाज के बारे में पूछताछ की थी। इस मरीज की हालत काफी गम्भीर बनी हुयी थी।
सचिव ने मरीज की प्लेटलेट्स बहुत कम होने पर फिजीशयन से जानकारी मांगी थी, लेकिन डॉक्टर कोई जवाब नहीं दे सके थे। इस पर सचिव ने बहुत कड़ा रुख अपनाते हुये पूछा था कि मरीज के बारे में डॉक्टर को पता क्यों नहीं है? यहां तक कि उन्होंने गुस्से में डॉक्टर की डिग्री तक पूछ डाली थी। इसके बाद तय माना जा रहा था कि डॉक्टर पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
शुक्रवार को सचिव की ओर से फिजीशियन डॉ. ध्यानी का वेतन अगले आदेश तक रोकने के आदेश जारी कर दिये गये। उन्हें नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा गया है। उनके साथ ही अस्पताल की पैथोलॉजिस्ट डॉ. सुप्रिया का भी वेतन अगले आदेश तक रोकने के आदेश दिये गये हैं। डॉ. सुप्रिया भी लैब में मिली खामियों पर सचिव को संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी थीं।