Fire: पौड़ी गढ़वाल जिले के सतपुली में सोमवार देर रात बड़ा हादसा हो गया। यहां अचानक भड़की आग ने मुख्य बाजार की कई दुकानों को चपेट में ले लिया। आग से कई दुकानें राख हो गयीं। देर रात तक आग पर काबू पाने की कोशिशें जारी थीं। आग लगने का कारण प्रथमदृष्टया शार्ट सर्किट माना जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, सोमवार रात करीब नौ बजे सतपुली मुख्य बाजार की एक दुकान से लोगों ने धुआं उठता देखा। लोग जब तक कुछ समझ पाते, दुकान से आग की तेज लपटें उठने लगीं। आग इतनी तेजी से फैलने लगी कि, इसने अगल-बगल की दूसरी दुकानों को भी चपेट में ले लिया।

एक के बाद एक दुकानों में आग लगते देख अफरातफरी मच गयी। दुकानों में मौजूद लोग किसी तरह बाहर भागे। दुकानें बंद कर घर जा चुके व्यापारी और अन्य लोग घटना की जानकारी मिलते ही बाजार की ओर दौड़ पड़े। लोगों ने दुकानों पर लगे फायर एक्सटिंग्विशर और बाल्टियों में पानी भरकर आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन आग लगातार फैलती गयी।

बेकाबू आग ने बाजार में बने पुलिस चेकपोस्ट को भी रख कर डाला। इसके अलावा, पास ही स्थित राधाकृष्ण मन्दिर को भी नुकसान पहुंचने की सूचना है। बताया जा रहा है कि आग से आठ से अधिक दुकानें पूरी तरह राख हो चुकी हैं। देर रात तक आग बुझाने का काम जारी था। फिलहाल नुकसान का आकलन नहीं किया जा सका है। राहत की बात यही है कि आग से किसी के हताहत होने की भी कोई जानकारी नहीं है।

आग लगने की जानकारी पर सतपुली नगर पंचायत, पुलिस, प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और लगातार स्थिति का जायजा ले रहे हैं। आग लगने की सही वजह भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन समझा जा रहा है कि दुकान में शार्ट सर्किट के बाद ही यह आग भड़की होगी।

बाजार में कम हो चुकी थी चहल पहल

सतपुली मुख्य बाजार में जिस वक्त आग लगी, तब तक चहल पहल काफी कम हो चुकी थी। कई व्यापारी दुकानें बंद कर घर जा चुके थे, जबकि सड़क पर उस वक्त यातायात भी काफी कम था। सतपुली पौड़ी गढ़वाल जिले का मुख्य पड़ाव होने के कारण सुबह से शाम तक यहां बाजार में खासी आवाजाही बनी रहती है। ऐसे में अगर अग्निकांड शाम को होता तो यह बेहद खतरनाक हो सकता था।

दुकानों से सामान समेटते रहे व्यापारी

आग लगने की जानकारी पर घर लौट चुके व्यापारी वापस पहुंचे और अपनी दुकानों को आग से बचाने की जुगत में जुट गये। कई दुकानदारों ने आनन फानन में दुकान में रखा सामान बाहर निकाल लिया। वहीं, जिन दुकानों में आग लगी, उनके मालिक भी देर रात तक राख के ढेर से बचा हुआ सामान तलाशते रहे।

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