Indore Loksabha Election 2024:  लोकसभा चुनाव 2024 में गुजरात के सूरत के बाद भाजपा मध्य प्रदेश के इंदौर में भी निर्विरोध जीत का सफर शुरू कर दिया है। बेहद नाटकीय घटनाक्रम में यहां से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे अक्षयकांति बम, मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के साथ कार में बैठकर भाजपा कार्यालय के लिये निकल गये। इससे पहले उन्होंने अपना नामांकन भी वापस ले लिया।

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा गुजरात की सूरत संसदीय सीट पर 18वीं लोकसभा के लिये अपना पहला सांसद पा चुकी है। इस सीट पर भाजपा के मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। सूरत में कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन पत्र रद्द हो गया था। वहीं, आठ अन्य प्रत्याशियों ने भी अपने नाम वापस ले लिये थे।

अब मध्य प्रदेश के इंदौर संसदीय सीट पर भी भाजपा फिर यही कहानी दोहरा सकती है। कांग्रेस ने इस सीट पर अक्षयकांति बम को उम्मीदवार बनाया था। इंदौर से नामांकन कराने की अंतिम तिथि 25 अप्रैल थी और अक्षयकांति बम ने इससे एक दिन पहले यानी 24 अप्रैल को नामांकन कराया था।

बता दें कि इंदौर संसदीय सीट पर चुनाव के लिये नोटिफिकेशन 18 अप्रैल को जारी किया गया था। इस संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है। यानी, यहां मतदान के लिये अब 15 दिन बाकी रह गये हैं। इससे पहले इंदौर में कांग्रेस के तीन पूर्व विधायक भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

कांग्रेस कार्यकर्ता चुनाव की तैयारियों में जुटे थे, इसी बीच सोमवार को पार्टी प्रत्याशी अक्षयकांति बम ने पार्टी को बड़ा झटका दे दिया। अक्षयकांति सोमवार को जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचे और अपना नामांकन वापस ले लिया। नामांकन वापस लेने के बाद वह वरिष्ठ भाजपा नेता और मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और इंदौर से भाजपा विधायक रमेश मैंदोला संग गाड़ी में बैठकर चले गये।

भाजपा की रणनीति से कांग्रेस बिना लड़े हारी

भाजपा ने इंदौर संसदीय सीट पर अपनी रणनीति इस तरह बनायी कि कांग्रेस के स्थानीय नेताओं से लेकर प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व को कुछ करने का समय नहीं मिल सका। अक्षयकांति बम को विश्वास में लेने के साथ ही, तय किया किया गया कि नामांकन वापसी की अंतिम तारीख पर नाम वापस लिया जायेगा। 29 अप्रैल को अंतिम दिन बम ले नाम वापस ले लिया।

कांग्रेस के दूसरे प्रत्याशी मोतीलाल का भी पर्चा निरस्त

जानकारी के अनुसार, कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व को अक्षयकांति बम के इरादों की हल्की भनक लग गयी थी। इसे देखते हुये पार्टी ने आनन-फानन में एक अन्य प्रत्याशी मोतीलाल पटेल से भी नामांकन करवा दिया था। लेकिन, अक्षयकांति ने जहां खुद नामवापस ले लिया, वहीं मोतीलाल पटेल का नामांकन पत्र रद्द हो गया है।

उत्तराखंड के इंदौर विधायक रमेश मैंदोला की रही अहम भूमिका

मूलतः पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड निवासी और मध्य प्रदेश के इंदौर विधायक रमेश मैंदोला की कांग्रेस प्रत्याशी को भाजपा के साथ लाने में अहम भूमिका रही। बताया जा रहा है कि कैलाश विजयवर्गीय ने इस ऑपरेशन की कमान मैंदोला को सौंपी थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। जानकारी के अनुसार, सोमवार को अक्षयकांति बम, रमेश मैंदोला के साथ ही नामांकन वापस लेने के लिये जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचे।

 

भाजपा ने शंकर लालवानी को बनाया है प्रत्याशी

भारतीय जनता पार्टी ने इंदौर सीट पर शंकर लालवानी को प्रत्याशी बनाया है। शंकर लालवानी 2019 में भी इस सीट पर सांसद चुने गये थे। तब उन्होंने कांग्रेस के पंकज संघवी को पांच लाख 47 हजार 754 वोट के अंतर से शिकस्त दी थी। यह इंदौर सीट पर अब तक के चुनावों का सबसे बड़ा अंतर रहा है। लालवानी इंदौर नगर निगम के पार्षद और सभापति भी रह चुके हैं।

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