MP Bidhuri Row: लोकसभा में चर्चा के दौरान भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के बोलों पर सियासी बवाल जारी है। विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ने इसे राजनीति का निम्न स्तर करार दिया है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घटना की निंदा की है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सांसद बिधूड़ी को चेतावनी दे चुके हैं। दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर बिधूड़ी और दानिश अली लगातार ट्रेंड कर रहे हैं।
लोकसभा के 13वें सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को चन्द्रयान-3 अभियान पर चर्चा की जा रही थी। दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी इस अभियान को लेकर अपनी बात रख रहे थे। इसी बीच अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली ने टोकाटाकी शुरू कर दी। दानिश अली के बार-बार व्यवधान डालने पर बिधूड़ी भड़क गये थे।
गुस्साये बिधूड़ी ने दानिश को उग्रवादी कहने के साथ कई आपत्तिजनक शब्दों का भी इस्तेमाल कर डाला था। इसे लेकर जमकर हंगामा हुआ। घटनाक्रम के बाद सांसद दानिश अली ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और अध्यक्ष को उनके लिये उपयोग किये गये शब्दों की जानकारी देने के साथ ही कार्रवाई की भी मांग की।
मामले की जानकारी मिलने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसद रमेश बिधूड़ी से बात की और उन्हें भविष्य में फिर इस तरह के गलत शब्दों का इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी दी। जानकारी मिलने पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने भी घटना की निंदा की और कहा कि संसद में इस तरह की भाषा का उपयोग नहीं किया जाना चाहिये। केंद्रीय मंत्री के इस बयान का विपक्ष ने स्वागत भी किया।
लेकिन, इस घटनाक्रम पर गुरुवार से जारी सियासी बवाल अब भी जारी है। खासतौर पर सोशल मीडिया पर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ने इस घटना को निम्नस्तरीय राजनीति का उदाहरण करार दिया है। खुद दानिश अली ने एक ट्वीट कर आरएसएस पर सवाल उठाया है। पूछा है कि क्या आपकी प्रयोगशालाओं में यही सिखाया जाता है।
बिधूड़ी ने साध ली है मामले पर चुप्पी: सांसद रमेश बिधूड़ी के बयान पर भले ही सियासी सरगर्मियां तेज हों, लेकिन उन्होंने खुद इस पूरे प्रकरण को लेकर चुप्पी साध ली है। उनका साफ कहना है कि संसद में जो भी हुआ, जो भी कहा गया, वह संसद तक ही रहता है। संसद के बाहर इस पर वह कोई चर्चा नहीं करेंगे।
सांसद के निलंबन की उठ रही मांग: विपक्षी सांसदों और विभिन्न संगठनों ने सांसद रमेश बिधूड़ी का निलंबन किये जाने की भी मांग उठायी है। उनका कहना है कि एक निर्वाचित सांसद के साथ सदन में इस तरह अभद्र शब्दों का इस्तेमाल कर अपमान करना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उनका कहना है कि सिर्फ चेतावनी देना इस मामले में उचित नहीं है, बल्कि सांसद पर कार्रवाई की जानी चाहिये।
दानिश का भी पुराना वीडियो वायरल: ताजा घटनाक्रम के बाद सांसद रमेश बिधूड़ी पर सवाल उठे तो सोशल मीडिया पर सांसद दानिश अली का भी एक पुराना वीडियो वायरल हो गया है। इस वीडियो में सांसद दानिश अली एक कार्यक्रम के दौरान भारत माता की जय के नारे लगाये जाने पर बिफरे नजर आ रहे हैं। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने एक सिख विधान परिषद सदस्य के साथ अभद्रता भी कर डाली थी।
लोकसभा रिकॉर्ड से हटाया गया बयान: सांसद रमेश बिधूड़ी ने संसद में चर्चा के दौरान जो बयान दिया, उसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के निर्देश के बाद रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। हालांकि, इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
I have seen my name trending on Twitter where people have dragged me into this unfortunate incident where two MPs were using unparliamentary language against each other on the floor of the House.
— Dr Harsh Vardhan (Modi Ka Pariwar) (@drharshvardhan) September 22, 2023
Our senior and respected leader Shri @rajnathsingh ji has already condemned the…
पूर्व मंत्री हर्षवर्द्धन ने दी सफाई: पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद हर्षवर्द्धन ने इस मामले में ट्वीट कर सफाई दी है। लोकसभा में सांसद बिधूड़ी के दौरान पूर्व मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन उनके पीछे ही बैठे हुये नजर आये थे। सांसद ने अपने ट्वीट में लिखा है कि कुछ लोग साजिशन दो सांसदों के बीच अभद्र शब्दों के उपयोग के इस प्रकरण से उन्हें भी जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने अपने जीवन का जिक्र करते हुये लिखा है कि उनका बचपन चांदनी चौक में बीता, जहां उनके कई मुस्लिम दोस्त रहे। उनका कहना है कि जो भी मुस्लिम समाज के लोग उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं, उन्हें उन मुस्लिम लोगों से उनके बारे में जानना चाहिये, जो लंबे समय से उनके परिचित रहे हैं।
पूर्व मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन का कहना है कि इस प्रकरण में उन्हें बेवजह घसीटा जा रहा है, जबकि उस वक्त मौजूद सभी सांसदों के सामने यह सब हुआ। उनका यह भी कहना है कि उस दौरान सदन में भारी शोरगुल की वजह से वह ठीक से सुन भी नहीं सके थे कि दोनों सांसदों के बीच चल रहे वाद-विवाद में किन शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
राहुल बोले, अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र का मामला: इस मामले को लेकर कई कांग्रेसी और विपाक्षी नेता भी हमलावर हैं। इस बीच राहुल गांधी ने इसे लेकर पूछे गये सवाल पर कहा है कि यह मामला संसद सत्र के दौरान का है। ऐसे में वहां क्या होना चाहिये, यह लोकसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है। लिहाजा वह इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे।