Kathgodam: काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर गुरुवार को पुलिसकर्मी एक महिला के लिये देवदूत बन गया। ट्रेन से उतरने की कोशिश में प्लेटफार्म और ट्रेन के दरवाजे के बीच फंसी महिला को पुलिसकर्मी ने सुरक्षित बचा लिया। जवान की सक्रियता की पुलिस अधिकारियों ने सराहना की है।
जानकारी के अनुसार हल्द्वानी निवासी आनन्दी देवी गुरुवार को अपने परिचितों को छोड़ने के लिये काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर आयी थीं। उनके परिचितों को काठगोदाम लखनऊ एक्सप्रेस से लखनऊ जाना था। सुबह सवा 11 बजे ट्रेन की रवानगी का समय था।
इस दौरान महिला अपने परिचितों के साथ ही उनके डिब्बे में जाकर बैठ गयी। बातचीत के दौरान समय का किसी को ख्याल नहीं रहा और नियत समय पर ट्रेन चलने लगी। यह देख आनन्दी तुरन्त गेट की तरफ दौड़ीं। तब तक ट्रेन ठीकठाक रफ्तार पकड़ चुकी थी।
आनन्दी ने डिब्बे के दरवाजे के हैंडल पकड़कर उतरने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही उन्होंने पैर प्लेटफार्म पर रखा वह नियंत्रण खो बैठीं और डिब्बे के दरवाजे और प्लेटफार्म के बीच फंस गयीं। अनहोनी के डर से डब्बे में सवार उनके परिजनों में भी चीख पुकार मच गयी।
इसी बीच प्लेटफार्म पर तैनात जीआरपी मुख्य आरक्षी अनिल कुमार ने महिला को फंसा देखा तो डब्बे की ओर दौड़ लगा दी। कुछ दूर जाने के बाद उन्होंने महिला को पकड़ लिया। तब तक प्लेटफार्म पर तैनात अन्य जवान और यात्री भी पहुंच गये।
इसके बाद अनिल ने महिला को सुरक्षित खींचकर डब्बे से फिसलकर पटरियों पर गिरने से बचा लिया। महिला को इस हादसे में हल्की चोटें आयीं। उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। बाद में उनके परिजन भी अस्पताल पहुंच गये। परिजनों ने मुख्य आरक्षी अनिल और उत्तराखंड पुलिस का मदद के लिये आभार जताया।
वहीं, मुख्य आरक्षी के त्वरित और साहसिक कदम की पुलिस अधिकारियों ने भी सराहना की है। नैनीताल पुलिस के साथ ही काठगोदाम रेलवे स्टेशन अधिकारियों ने भी अपील की है कि ट्रेन पर चढ़ने-उतरने के वक्त यात्री हमेशा अतिरिक्त सावधानी बरतें।
गाजियाबाद से भागे नाबालिग को परिजनों से मिलाया: एक अन्य घटना में रुद्रप्रयाग जिला पुलिस ने गाजियाबाद से घरवालों की डांट से नाराज होकर घर छोड़कर भागे नाबालिग को उसके परिजनों तक पहुंचाया। परिजन भी उसकी तलाश में जुटे हुये थे।
रुद्रप्रयाग जिले में बुधवार को चौकी लैंचोली क्षेत्रान्तर्गत छानी कैम्प क्षेत्र में एक 14 वर्षीय नाबालिग बालक को अकेले घूमते हुए पाया गया। लोगों के जानकरी लेने पर नाबालिग कुछ ठीक से नहीं बता रहा था। सूचना पर पुलिसकर्मी नाबालिग को साथ ले आये।
इस बालक से पूछताछ की गयी कि उसके अन्य परिजन कहॉं हैं? इस पर नाबालिग ने बताया कि वह लोनी, गाजियाबाद का रहने वाला है। उसने बताया कि वह अकेला ही घर से निकला था और घूमते हुये यहां तक आ पहुंचा है। पुलिस ने उसके परिजनों के नम्बर लिये।
इसके बाद रुद्रप्रयाग पुलिस ने गाजियाबाद के लोनी में उसके घरवालों से फोन पर सम्पर्क किया तो मालूम हुआ कि वह कुछ दिन पहले घर से बिना बताये कहीं चला गया है। पता चला गाजियाबाद में उसकी गुमशुदगी दर्ज है और वे भी उसे तलाश रहे हैं।
इस दौरान पूछताछ करने पर नाबालिग ने बताया कि वह अपने घरवालों की डांट से नाराज होकर भाग निकला था। रुद्रप्रयाग पुलिस ने लोनी पुलिस और घर वालों को बालक के सुरक्षित होने की जानकारी दी। गाजियाबाद की लोनी पुलिस की मदद से नाबालिग के परिजनों को सोनप्रयाग तक आने के लिये कहा गया। यहां नाबालिग को सोनप्रयाग पुलिस के पास भेज दिया गया।
गुरुवार को नाबालिग के पिता और भाई सोनप्रयाग पहुंच गये। यहां पुलिसकर्मियों ने बालक को उनके सुपुर्द कर दिया। बेटे को सकुशल व सुरक्षित पाकर उनके द्वारा जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस का आभार जताया गया। इसके बाद वे नाबालिग को लेकर गाजियाबाद रवाना हो गये।