Radhika Khera: कांग्रेस से नेताओं के इस्तीफे का दौर थम नहीं रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 की शुरूआत से अब तक पार्टी के कई बड़े नेता पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं। हाल में, दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर लवली भाजपा में शामिल हो गये। इधर, पार्टी की आवाज मानी जाने वाली, तीसरी प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने भी इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले दो राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहन गुप्ता और गौरव वल्लभ पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

कांग्रेस की राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक राधिका खेड़ा ने, रविवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना त्यागपत्र भेज दिया। छत्तीसगढ़ की राजनीति में सक्रिय राधिका पिछले कुछ दिनों से, पार्टी में अपने साथ हो रहे बर्ताव से आहत थीं। वह लगातार, सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां कर रही थीं। उनका कहना है कि पार्टी में किसी भी स्तर पर कोई सुनवाई नहीं होने के बाद, अब आखिर उन्होंने पार्टी को छोड़ने का मन बनाया।

राधिका ने एक्स पर अपने आधिकारिक एकाउंट से अपना इस्तीफा ट्वीट किया है। राधिका ने अपने त्यागपत्र में लिखा है कि उनके अयोध्या जाने को लेकर, कांग्रेस के भीतर उनका विरोध शुरू हो गया था। उन्होंने कांग्रेस में पुरूषवादी मानसिकता को लेकर भी सवाल उठाये हैं। राधिका ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ कार्यालय में जो उनके साथ हुआ, उसमें भी उन्हें न्याय नहीं मिला।

कांग्रेस से लोकसभा चुनाव के दौरान त्यागपत्र देने वाली राधिका खेड़ा, पहली या अकेली प्रवक्ता नहीं हैं। इससे पहले रोहन गुप्ता और गौरव वल्लभ भी पार्टी छोड़ चुके हैं। इन दोनों नेताओं ने भी, पार्टी नेताओं की नीतियों और चुनाव प्रचार में उठाये जा रहे मुद्दों को लेकर अपना विरोध जताया था। वहीं, दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली समेत तीन पूर्व विधायक और दिल्ली विवि के पूर्व अध्यक्ष भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

एनएसयूआई से राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक तक पहुंचीं

राधिका खेड़ा 18 साल की उम्र से ही छात्र राजनीति में सक्रिय हो गयी थीं। एनएसयूआई से होते हुये, वह युवक कांग्रेस और फिर कांग्रेस तक पहुंचीं। कांग्रेस की तेजतर्रार प्रवक्ताओं में गिनी जाने वाली राधिका ने पार्टी में राष्ट्रीय सचिव की भी जिम्मेदारी निभायी। पार्टी की सोशल मीडिया प्रमुख रहने के बाद, वर्तमान में वह पार्टी की राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक थीं।

श्रीराम मन्दिर दर्शन के बाद हुआ विवाद

राधिका खेड़ा ने बताया है कि 25 अप्रैल को वह अयोध्या में श्रीराम मन्दिर में दर्शन करने के लिये गयी थीं। वहां से छत्तीसगढ़ लौटने पर, पार्टी नेताओं ने उनके साथ बुरा बर्ताव शुरू कर दिया। राधिका का आरोप है कि उन्हें कांग्रेस कार्यालय के कमरे में बंद कर दिया गया। उनके साथ धक्कामुक्की और अभद्रता भी की गयी। उन्होंने पार्टी नेताओं से बात की, लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया।

धर्म का साथ देने वालों का होता रहा है विरोध

राधिका ने अपने त्यागपत्र में लिखा है- आदिकाल से ये स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा हैै। हिरण्यकश्यपु से लेकर रावण और कंस तक इसके उदाहरण हैं। वर्तमान में प्रभु श्रीराम का नाम लेने वालों का भी कुछ लोग इसी तरह विरोध कर रहे हैं। ऐसे ही विरोध का सामना मुझे करना पड़ा, क्योंकि मैं खुद को रामलला के दर्शन करने से नहीं रोक पायी।

दूसरों के न्याय की आवाज उठायी, अपने लिये हार गयी

राधिका ने अपने इस्तीफे में लिखा है, मैंने दूसरों को न्याय दिलाने के लिये हमेशा हर मंच से लड़ाई लड़ी है। लेकिन, जब स्वयं के न्याय की बात आयी तो मैंने पार्टी में स्वयं को हारा हुआ पाया। उनका कहना है कि सभी शीर्ष नेताओं को अवगत करवाने के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला, जिसके बाद आहत होकर इस्तीफा दिया है।

इस्तीफा देने के साथ ही बदली प्रोफाइल पिक

कांग्रेस से त्यागपत्र देने के साथ ही, राधिका खेड़ा ने एक्स पर अपनी प्रोफाइल पिक भी बदल दी है। रविवार शाम करीब छह बजे लगायी नयी पिक अयोध्या श्रीराममंदिर में दर्शन के दौरान की है। इसके साथ ही, राधिका खेड़ा ने एक्स पर अपने बायो से कांग्रेस से जुड़ी जानकारियां भी हटा दी हैं।

छत्तीसगढ़ कार्यालय का वीडियो हुआ था वायरल

बीते दिनों छत्तीसगढ़ कांग्रेस कार्यालय का एक वीडियो वायरल हो गया था। वायरल वीडियो में एक महिला की आवाज सुनायी दे रही थी। वह कह रही थीं कि 40 साल में उनके साथ कभी ऐसा नहीं हुआ है। महिला किसी वरिष्ठ व्यक्ति को अपने साथ हुये घटनाक्रम के बारे में बता रही थी। बताया गया था कि यह आवाज राधिका खेड़ा की थी, और वह फोन पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को घटना की जानकारी दे रही थीं। पवन, छत्तीसगढ़ आने वाले थे।

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