26/11 Mumbai Attack: लोकसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर मुंबई हमला, अजमल कसाब और पाकिस्तान चर्चाओं के केंद्र में आ गया है। इस बार महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष विजय वडेट्टीवार के एक बयान ने इस मुद्दे पर, सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है।

वडेट्टीवार ने मुंबई हमलों के दौरान एटीएस चीफ हेमंत करकरे की मौत को साजिश करार देते हुये, भाजपा और भाजपा उम्मीदवार उज्ज्वल निकम पर सवाल उठाये हैं। वहीं, भाजपा-शिवसेना ने कांग्रेस पर फिर कसाब समर्थक होने का पलटवार किया है।

महाराष्ट्र नेता विपक्ष विजय वडेट्टीवार ने एक बयान में कहा कि मुंबई हमले के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ चीफ हेमंत करकरे, कसाब या किसी अन्य पाकिस्तानी आतंकी की गोली से नहीं मरे थे। उनका दावा है कि आरएसएस और भाजपा समर्थक एक पुलिस अधिकारी ने करकरे को गोली मारी थी, लेकिन निकम ने उस अधिकारी को बचा लिया।

26/11 मुंबई हमले (26/11 Mumbai Attack) के आरोपी अजमल कसाब को फांसी तक पहुंचाने वाले वरिष्ठ वकील और भाजपा उम्मीदवार उज्ज्वल निकम को कथित पुलिस अधिकारी को बचाने का आरोप लगाते हुये कांग्रेस नेता ने देशद्रोही करार दिया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता विपक्ष के इस बयान के बाद, कांग्रेस निशाने पर आ गयी है। भाजपा, शिवसेना समेत अन्य दलों ने एक बार फिर मुंबई हमले को लेकर कांग्रेस की सोच पर सवाल उठा दिये हैं।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नेता विपक्ष के बयान की कड़ी निंदा की है। भाजपा ने विजय वडेट्टीवार के बयान को पाकिस्तान समर्थक करार दिया है। वही, उज्ज्वल निकम ने भी आरोप को बेबुनियाद बताया है।

यह कहा विजय वडेट्टीवार ने

शनिवार को जारी एक वीडियो बयान में विजय वडेट्टीवार ने कहा, 26 11 हमले के दौरान, एटीएस चीफ हेमंत करकरे की मौत जिस गोली से हुयी, वह अजमल कसाब की बंदूक से नहीं निकली थी। उनका कहना है कि, यह गोली एक पुलिस अधिकारी ने चलायी थी, जो आरएसएस और भाजपा का समर्थक है। विजय वडेट्टीवार का यह भी कहना था कि जांच के दौरान इससे जुड़े अहम तथ्य सामने आ गये थे।

उनका आरोप है कि अदालत में इस मामले की पैरवी कर रहे उज्ज्वल निकम ने हेमंत करकरे की मौत से जुड़े तथ्य छिपा लिये और आरोपी पुलिस अधिकारी को बचा लिया। विजय वडेट्टीवार का कहना है कि उज्ज्वल निकम देशद्रोही हैं। उन्होंने भाजपा से सवाल पूछा है कि पार्टी ने एक देशद्रोही को किस आधार पर उम्मीदवार बनाया है?

पार्टी नेता दिग्विजय सिंह पर भी उठे थे सवाल

मुंबई हमले को लेकर कांग्रेस पहली बार निशाने पर नहीं है। काफी समय पहले, पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी सवालों के घेरे में आ गये थे। उस वक्त उन्होंने एक ऐसी किताब का विमोचन किया था, जिसमें दावा किया गया था, कि मुंबई पर हुआ आतंकी हमला, असल में आरएसएस की साजिश था।

यह मुंबई हमले में मारे गये लोगों का अपमान

उज्ज्वल निकम का कहना है कि कांग्रेस नेता का यह आरोप, न सिर्फ उनका, बल्कि मुंबई हमले में जान गवांने वाले 166 लोगों और घायल हुये सैकड़ों लोगों का अपमान है। उन्होंने कहा कि यह बयान दर्शाता है, कि किस तरह चुनाव में लाभ पाने के लिये कुछ राजनेता निम्न स्तर तक चले जाते हैं।

कसाब को निर्दोष बताने की हो रही कोशिश

निकम ने सवाल उठाया है, कि कांग्रेस क्या अजमल कसाब को निर्दोष साबित करने की कोशिश कर रही है? उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भी यह मान चुका है कि अजमल कसाब मुंबई हमलों में शामिल था। जनता को अच्छे से मालूम है कि कसाब को पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद ही सजा सुनायी गयी थी। उनका कहना है कि जनता का जवाब चार जून को कांग्रेस नेता को मिल जायेगा।

भाजपा ने उत्तर मध्य मुंबई से निकम को उतारा है

भारतीय जनता पार्टी ने 71 वर्षीय उज्जवल निकम को उत्तर मध्य मुंबई से चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर पहले पूनम महाजन भाजपा से चुनाव जीती थीं। इस बार उनका टिकट काट दिया गया है। निकम के सामने महाविकास अघाड़ी से कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ मैदान में है। इस सीट पर 20 मई को मतदान होना है।

कई हाईप्रोफाइल मुकदमों में निकम ने की पैरवी

उज्ज्वल निकम को भारत के सबसे चर्चित और हाईप्रोफाइल मुकदमे लड़ने के लिये जाना जाता है। 26 11 हमले में उन्हें सरकारी वकील बनाया गया था। इस मुकदमे में जीवित पकड़े गये एकमात्र आतंकी अजमल कसाब को फांसी के फंदे तक पहुंचाने में उज्ज्वल निकम की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है।

निकम ने इसके अलावा 1991 कल्याण बम विस्फोट, 1993 मुंबई बम धमाके, प्रमोद महाजन हत्याकांड, गुलशन कुमार हत्याकांड, 2003 गेटवे ऑफ इंडिया हत्याकांड समेत कई चर्चित मुकदमों में पैरवी की है। उन्होंने जो मुकदमे लड़े, उनमें 628 अपराधियों को आजीवन कारावास और 37 को मृत्युदंड की सजा सुनायी गयी।

पद्मश्री निकम को दी गयी है जेड प्लस सुरक्षा

उज्ज्वल निकम को वर्ष 2016 में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया था। देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कई मामलों में उनकी सक्रिय भूमिका को देखते हुये, उनकी सुरक्षा के लिये भारत सरकार की ओर से उन्हें जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की गयी है।

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