Digvijay Singh: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि, लोकसभा चुनाव 2024 उनके जीवन का आखिरी चुनाव है। उन्होंने जनता से अपने 50 साल के राजनीतिक जीवन, और इस अवधि में किये कार्यों का आकलन करने की अपील की है। दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार हैं। 33 साल बाद, वह इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर दो दिन बाद, यानी सात मई को मतदान होना है।

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मध्य प्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट पर पिछले दो लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी जीत दर्ज कर रही है। इस दफा, लगातार तीसरी बार, भाजपा ने निवर्तमान सांसद रोडमल नागर को ही उम्मीदवार बनाया है। बीते दो चुनावों में नागर की जीत का अंतर लगभग दोगुना रहा। 2014 में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी नारायण सिंह आमलाबे को 2,28,737 वोट से हराया था, जबकि 2019 में मोना सुस्तानी को 4,31,019 वोट से शिकस्त दी।

ऐसे में इस चुनाव में भाजपा को चुनौती देने और यह सीट कांग्रेस के खाते में डालनेे के मकसद से, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और इसी सीट से दो बार सांसद रहे, दिग्विजय सिंह ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया। वह 33 साल बाद, इस सीट पर दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को इस संसदीय सीट के लिये मतदान होना है।

मतदान से दो दिन पहले, दिग्विजय सिंह ने एक्स पर ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा है- मैंने अपने 50 वर्षों के राजनैतिक जीवन में बस नाम कमाने का प्रयास किया है। उसमें मैं कितना सफल हुआ इसका आकलन मैं स्वयं नहीं कर सकता, केवल आम लोग ही कर सकते हैं। यह मेरे जीवन का आखि़री चुनाव है, और आप यह तय करेंगे कि मैं इसमें कितना सफल हुआ। उनका यह ट्वीट चर्चाओं में है।

नगर सेठ की प्रेरणा का किया जिक्र

दिग्विजय ने अपने ट्वीट में लिखा है- मैं जब मेरे पिताजी के देहांत के बाद इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर राघोगढ़ आकर रहने लगा, तब मुझे राघोगढ़ के बुजुर्ग नगर सेठ श्री कस्तूरचंद जी कठारी मिलने आए। तब उन्होंने मुझे एक सीख दी। वह यह थी। उन्होंने कहा “राजा साहब हर व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य हिंदी की बारह खड़ी के अनुसार होता है। ‘क’ से कमाओ- इतना कमाओ कि आपके परिवार को कमा कर ‘ख’ से खिला सके। ‘ग’ से गहना – जो बचत हो उससे गहना बनाओ। ‘घ’ से घर – गहना ख़रीद कर बचत से घर बनाओ। ‘ङ’ से नाम- घर बनाने के बाद अगर बचत हो तो नाम कमाओ। उन्होंने कहा आप भाग्यशाली हो आपको खाने की कमी नहीं गहनों की कमी घर की कमी नहीं बस अब ‘आप नाम कमाओ’। मैंने 50 साल में यही करने का प्रयास किया है।

एक घंटे में 17 हजार लोग पढ़ चुके ट्वीट

दिग्विजय सिंह ने रविवार सुबह 08ः50 बजे यह ट्वीट किया था, जिसे खबर लिखे जाने तक करीब एक घंटे में 17 हजार से अधिक लोग देख चुके हैं। दिग्विजय के इस ट्वीट पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कोई कहानी को झूठा बता रहा है तो किसी का कहना है कि नगर सेठ की कही बात प्रेरणादायक है।

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यह रहा दिग्विजय का राजनीतिक सफर

मध्य प्रदेश के राघोगढ़ के राजा दिग्विजय सिंह 1971 से सक्रिय राजनीति में है। पहली बार 1971 में वह राघोगढ़ नगर पालिका के अध्यक्ष चुने गये। इसके छह साल बाद, विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस के टिकट पर राघोगढ़ के विधायक बने। 1980 में वह अर्जुन सिंह सरकार में मंत्री रहे और 1993 से 2003 तक वह दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। 2004 से 2018 तक कांग्रेस महासचिव रहे दिग्विजय सिंह 2019 में भोपाल से भाजपा की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से चुनाव हार गये थे। वर्तमान में वह राज्यसभा सांसद हैं।

छह बार भाजपा, दो बार जनता पार्टी, आठ बार कांग्रेस जीती

राजगढ़ लोकसभा सीट पर आठ बार कांग्रेस, छह बार भारतीय जनता पार्टी और जनसंघ, दो बार जनता पार्टी और एक बार निर्दलीय उम्मीदवार सांसद चुने गये हैं। 1952 और 1957 में कांग्रेस, 1962 निर्दलीय, 1967, 1971 जनसंघ, 1977, 1980 जनता पार्टी, 1984 कांग्रेस, 1989 भाजपा, 1991 से 1999 तक कांग्रेस, 2004 में भाजपा, 2009 में कांग्रेस और फिर 2014, 2019 में भाजपा यहां से जीती।

28 साल बाद कांग्रेस की झोली में डाली थी सीट

दिग्विजय सिंह 1984 में पहली बार राजगढ़ से सांसद चुने गये थे। तब उन्होंने कांग्रेस को 28 साल बाद यहां जीत दर्ज करायी थी। पहले दो चुनावों, 1952 और 1957 में कांग्रेस यहां जीती थी। लेकिन इसके बाद, 1980 तक कोई कांग्रेस उम्मीदवार यहां से संसद नहीं पहुंच सका था। हालांकि, 1989 में वह भाजपा के प्यारेलाल खंडेलवाल से हार गये। 1991 में उन्होंने फिर यह सीट जीत ली। 1993 में वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गये।

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