Raebareli Loksabha Election: उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज नामांकन कर रहे हैं। राहुल के अमेठी छोड़ने के बाद कांग्रेस ने वहां से किशोरीलाल शर्मा को उतारा है, जो नामांकन करा चुके हैं। इसके साथ ही, रायबरेली सीट से भाजपा प्रत्याशी दिनेशप्रताप सिंह चर्चाओं में आ गये हैं। दिनेशप्रताप सिंह के बारे में हर कोई जानना चाहता है, यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या दिनेश कांग्रेस की पारंपरिक मानी जाने वाली इस सीट को इस बार भाजपा की झोली में डाल सकेंगे।
दिनेशप्रताप सिंह को रायबरेली की राजनीति का लंबा अनुभव रहा है। खास बात यह है कि पहले वह कांग्रेस में ही थे और सोनिया गांधी के करीबी माने जाते थे। लेकिन, 2018 में दिनेशप्रताप सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे। 2010, 2016 और 2022 में वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य चुने जाते रहे हैं। वर्तमान में दिनेशप्रताप सिंह को यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है।
कल प्रातः 10 बजे भारतीय जनता पार्टी के पुराने जिला कार्यालय सुपर मार्केट से चलकर जिला कचहरी में प्रातः 11:00 बजे नामांकन करने का निर्णय पार्टी ने लिया है। इस अवसर पर आपके आशीर्वाद का आकांक्षी हूं। आशा है आप आशीर्वाद देने जरूर आयेंगे।
जय श्री राम pic.twitter.com/gGUlNEd4fA
— Dinesh Pratap Singh (@RBLDineshSingh) May 2, 2024
भाजपा ने रायबरेली सीट पर लगातार दूसरी बार, दिनेशप्रताप सिंह को टिकट दिया है। 2019 के चुनाव में वह सोनिया गांधी से चुनाव हार गये थे, लेकिन 2014 के मुकाबले हार के अंतर को 50 प्रतिशत कम करने में कामयाब रहे थे। 2014 के चुनाव में सोनिया गांधी ने भाजपा के अजय अग्रवाल को तीन लाख 52 हजार वोट के अंतर से हराया था। दिनेशप्रताप सिंह की हार का अंतर एक लाख 67 हजार 178 रहा था।
राहुल गांधी के नामांकन से कुछ देर पहले ही भाजपा उम्मीदवार दिनेशप्रताप सिंह ने भी शुक्रवार को ही अपना पर्चा भरा है। उन्हें एक दिन पहले ही पार्टी उम्मीदवार घोषित किया गया था। दिनेशप्रताप सिंह के नामांकन में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और अन्य वरिष्ठ नेता-पदाधिकारी मौजूद रहे।
राहुल गांधी अमेठी छोड़ रायबरेली पहुंचे
पंचायत से लेकर राज्य सरकार तक पकड़ के चलते, दिनेशप्रताप सिंह क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं। वहीं, कांग्रेस सांसद रहीं सोनिया गांधी पर यह सवाल उठते रहे हैं कि जीत के बाद वह क्षेत्र में नहीं आयीं। ऐसे में भाजपा को इस चुनाव में दिनेशप्रताप सिंह से भी वही इतिहास दोहराने की उम्मीद है, जो 2019 में अमेठी संसदीय सीट पर स्मृति ईरानी ने किया था। हालांकि, भाजपा की यह उम्मीद, कितनी सच होती है, यह तो चार जून को ही साफ होगा।
पिछले चुनाव में सर्वाधिक वोट पाने वाले भाजपा प्रत्याशी बने
भाजपा ने दिनेशप्रताप सिंह को 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा था। हालांकि, इस चुनाव में पांच लाख 34 हजार 918 वोट हासिल कर सोनिया जीती थीं। लेकिन, तीन लाख 67 हजार 740 वोट पाकर, दिनेश इस सीट पर अब तक हुये चुनावों में सबसे अधिक वोट पाने वाले भाजपा उम्मीदवार बन गये थे।
जन जन का एक ही जनाधार
रायबरेली से भाजपा सांसद इस बार @BJP4UP https://t.co/PfeczNFNAo— BJP Raebareli (@myBjpRaebareli) May 2, 2024
पंचायत चुनाव में भी दिखा चुके हैं ताकत
दिनेशप्रताप सिंह 2021 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अपनी ताकत दिखा चुके हैं। इस चुनाव में रायबरेली के 18 में से 11 ब्लॉकों में भाजपा ने ब्लॉक प्रमुख का पद कब्जा लिया था। हालत यह थी कि सोनिया गांधी के लगातार सांसद रहने के बावजूद, कांग्रेस ब्लॉक प्रमुखों के लिये अपने प्रत्याशी तक नहीं चुन सकी थी।
इसके अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी दिनेशप्रताप सिंह ने कांग्रेस को पटखनी दे दी थी। इस चुनाव में कांग्रेस ने आरती सिंह को उम्मीदवार बनाया था, जबकि भाजपा ने रंजना चौधरी को जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी तय किया था। कांग्रेस प्रत्याशी आरती सिंह को 22 वोट मिले थे, जबकि भाजपा उम्मीदवार रंजना चौधरी 30 वोट हासिल कर अध्यक्ष चुन ली गयीं।
#WATCH | Uttar Pradesh: On Rahul Gandhi's candidature from Raebareli, BJP's Raebareli candidate, Dinesh Pratap Singh says "Sonia Gandhi, Priyanka Gandhi Vadra have betrayed the people of Raebareli. The people of Raebareli chose Sonia Gandhi as an MP but she gave the power to… pic.twitter.com/8W8hMNIReK
— ANI (@ANI) May 3, 2024
सोनिया गांधी के सीट छोड़ने पर उठे सवाल
सोनिया गांधी रायबरेली सीट से 2009 से 2019 तक लगातार चार बार सांसद चुनी जाती रहीं। ऐसे में इस बार भी, यही माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव 2024 में भी वही यहां से लड़ेंगी। लेकिन सोनिया गांधी ने सीधे चुनाव में उतरने के बजाय, सांसदी के लिये राज्यसभा का रास्ता चुन लिया। ऐसे में उनके सीट छोड़ देने पर भी सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, इसके पीछे बड़ी वजह, राहुल गांधी के लिये कांग्रेस की सुरक्षित मानी जाने वाली सीट रखने को बताया जाता है।
रायबरेली में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं
रायबरेली में छह विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से एक पर भी इस वक्त कांग्रेस का विधायक नहीं है। 2017 के चुनाव में अदिति सिंह एकमात्र कांग्रेस विधायक थीं, लेकिन वह भाजपा में चली गयीं और 2022 में फिर विधायक चुनी गयीं। छह में से दो सीटों पर भाजपा, जबकि चार पर समाजवादी पार्टी के विधायक हैं।
#WATCH | Addressing a rally in Chikkodi Lok Sabha Constituency, Karnataka, Union Home Minister Amit Shah says, "… Sonia Gandhi has launched 'Rahul Baba' 20 times, but the launch hasn't been successful. Today, he has run away from Amethi to file a nomination from Raebareli. I… pic.twitter.com/SJVVbRi0ve
— ANI (@ANI) May 3, 2024
दिनेश से बड़े अंतर से चुनाव हारेंगे राहुलः शाह
कर्नाटक में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुये, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी राहुल गांधी पर हमला बोला है। अमित शाह ने कहा- सोनिया गांधी, राहुल गांधी को 20 बार लांच कर चुकी हैं, लेकिन हर बार नाकामी मिली है। अब राहुल गांधी अमेठी से भागकर रायबरेली चले गये हैं। शाह ने कहा कि रायबरेली में भी राहुल गांधी को भाजपा उम्मीदवार दिनेशप्रताप सिंह से बड़े अंतर से हार मिलेगी।