Sahastratal Rescue Operation: उत्तराखंड में, टिहरी और उत्तरकाशी जिले की सीमा पर स्थित, सहस्त्रताल ट्रेक पर फंसे 13 ट्रेकर्स को पुलिस, वन विभाग, एसडीआरएफ और वायुसेना के संयुक्त राहत बचाव अभियान के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया है। मौके पर एक और ट्रेकर की मौत हो गयी, चार की मौत पहले ही हो चुकी थी। पांचों शव भी निकाल लिये गये हैं। वहीं, चार अन्य अब भी लापता हैं। उनकी तलाश में अभियान जारी है।
उत्तरकाशी जिले में स्थित सहस्त्रताल झील के लिये निकला 22 सदस्यीय ट्रेकिंग दल, मौसम खराब होने के बाद, रास्ता भटककर फंस गया था। मंगलवार देर शाम, यह जानकारी मिलने के बाद, उत्तरकाशी जिला प्रशासन और पुलिस ने, एनआईएम (NIM), आईटीबीपी, एसडीआरएफ समेत वायुसेना से भी संपर्क कर बचाव अभियान शुरू करने की तैयारी कर ली थी।
उत्तरकाशी डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया, कि बुधवार को तड़के ही चार टीमें 35 किलोमीटर लंबे ट्रेक पर अलग-अलग प्वाइंट से रवाना कर दी गयी थीं। वहीं, एसडीआरएफ (SDRF) की हेली रेस्क्यू टीम ने भी, देहरादून से वायुसेना की मदद से हवाई बचाव अभियान शुरू किया।
देर शाम, डीएम बिष्ट ने जानकारी दी कि सहस्त्रताल रेस्क्यू अभियान में अभी तक ग्यारह ट्रेकर्स को हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित निकाल लिया गया है। इनमें से आठ को सहस्त्रधारा हेलीपैड, देहरादून ले जाया गया है। जबकि तीन को भटवाड़ी, उत्तरकाशी में रखा गया है।
डीएम डॉ. बिष्ट ने बताया कि, मंगलवार को दल के चार सदस्यों की मौत की जानकारी मिली थी। मौके पर पहुंची टीम को पता चला, कि दल में शामिल एक अन्य सदस्य की भी मौत हो गयी है। जिसके बाद मरने वालों की संख्या पांच हो गयी है। उन्होंने बताया कि पांचों शव निकाल लिये गये हैं।
डीएम डॉ. बिष्ट ने जानकारी दी, कि दल में शामिल दो सदस्य नवीन ए और ऋतिका जिंदल नजदीकी बेस कैंप तक सुरक्षित पहुंच गये थे। उन दोनों को नजदीकी सड़क से जुड़े गांव सिल्ला पहुंचाया गया है। वहां से उन्हें भटवाड़ी लाया जायेगा। वहीं, दल के चार सदस्य अब भी लापता हैं। उनकी तलाश की जा रही है।
मौसम बिगड़ने से रोकना पड़ा हेली रेस्क्यू
डीएम डॉ. बिष्ट ने बताया, कि दोपहर बाद उच्च हिमालयी क्षेत्र में मौसम दोबारा खराब हो गया था। इसके चलते हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू अभियान में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। हालांकि, तब तक दल के 11 सदस्य निकाले जा चुके थे। चार अन्य की तलाश के लिये, अब जमीनी टीमों को सघन अभियान चलाने को कहा गया है।
चार महिलाओं समेत, इन पांच की चली गयी जान
ट्रेकिंग दल में 18 सदस्य कर्नाटक के, जबकि एक महाराष्ट्र का था। दल में शामिल तीन अन्य सदस्य, स्थानीय गाइड और पोर्टर हैं। जानकारी के अनुसार, हादसे में जान गवांने वालों में चार महिलाएं हैं। इनके नाम, सिंधु वकेलम, आशा सुधाकर, सुजाता मंगुरवाड़ी और चित्रा प्रणीत हैं। इनके अलावा दल के एक पुरुष सदस्य विनायक मंगुरवाड़ी की भी जान चली गयी।
आठ देहरादून, तीन उत्तरकाशी पहुंचाये गये
सहस्त्रताल क्षेत्र से रेस्क्यू किये गये 11 में से आठ सदस्यों को, देहरादून ले जाया गया है। इनके नाम, सौम्या कनाले, स्मृति डोलस, शीना लक्ष्मी, शिवा ज्योति, अनिल जमतीगे, भारत बोमन्ना गोडार, मधु किरण रेड्डी और जयप्रकाश बीएस बताये गये हैं। इनके अलावा, दल के तीन सदस्यों एस सुधाकर, विनय एमके और विवेक श्रीधर को भटवाड़ी उत्तरकाशी ले जाया गया है।
इतनी टीमें बचाव अभियान में लगायी गयीं
उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने, राहत बचाव अभियान के लिये, मंगलवार रात ही, विशेष नियंत्रण कक्ष बना लिया था। बचाव अभियान में लगी टीमों से संपर्क और निगरानी की कमान एसपी अर्पण यदुवंशी को सौंपी गयी थी। वन विभाग की दस सदस्यीय टीम सिल्ला गांव से निकली थी, जबकि एसडीआरएफ की एक टीम बूढ़ाकेदार की ओर से सहस्त्रताल के लिये निकली।
इनके अलावा, आईटीबीपी मातली से भी 14 जवानों और एक डॉक्टर की टीम, रवाना की गयी। एक अन्य बैकअप टीम नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से रवाना की गयी थी, जबकि टिहरी जिले में भी पुलिस और एसडीआरएफ की एक बैकअप टीम तैयार रखी गयी थी।
टिहरी जिले से वन विभाग, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय लोगों की एक टीम घनसाली के पिंस्वाड़ से रवाना की गयी। दूसरी ओर, एसडीआरएफ की हेली रेस्क्यू टीम ने, देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड से राहत बचाव अभियान का संचालन किया।
उत्तरकाशी में दो अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया
जिला प्रशासन ने, राहत बचाव अभियान के लिये, स्वास्थ्य विभाग से भी संपर्क किया था। इसके बाद, उत्तरकाशी जिला अस्पताल और भटवाड़ी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद को भी अलर्ट पर रखा गया। वहीं, टिहरी में वन विभाग, लोक निर्माण विभाग की टीमें भी अलर्ट पर रहीं।
चार हेलीपैड पर किये गये थे आपात प्रबंध
जिला प्रशासन ने राहत बचाव अभियान में मदद के लिये, वायुसेना से भी मदद मांगी थी। इसके बाद, मातली और हर्षिल स्थित हेलीपैड पर आपात स्थितियों को देखते हुये आवश्यक प्रबंध किये गये। टिहरी जिले में भी अरदंगी हेलीपैड को अलर्ट पर रखा गया था। वहीं, देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड से अभियान का संचालन किया गया।
मोदी-शाह के बाद, तीसरे नंबर पर सीएम धामी, जानिये कैसे