Uttarakhand Highcourt Shifting: उत्तराखंड हाईकोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट करने के मामले पर, उच्च न्यायालय ने नया निर्णय किया है। अब कोर्ट को शिफ्ट करने से पहले अधिवक्ताओं और वादकारियों की भी राय ली जायेगी। इसके लिये कोर्ट ने एक पोर्टल बनाने का भी निर्णय किया है। मुख्य सचिव को एक माह में नये स्थान के चयन को कहा गया है।

नैनीताल हाईकोर्ट ने बीते दिनों, आईडीपीएल ऋषिकेश से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान, अचानक बड़ा आदेश दे दिया था। मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की बेंच ने, मौखिक तौर पर कह दिया था कि हाईकोर्ट की एक बेंच, ऋषिकेश आईडीपीएल में खोली जाये।

अचानक आये इस आदेश ने, हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं में खलबली मचा दी थी। फैसले पर विरोध जताते हुये, आपात बैठक करने के साथ ही, अधिवक्ता मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट में घुस गये थे। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें बाद में बातचीत के लिये बुलाया था।

बताया जा रहा है कि, अधिवक्ताओं संग बातचीत के बाद, हाईकोर्ट ने तय किया है कि कोर्ट को हल्द्वानी के गौलापार शिफ्ट नहीं किया जायेगा, लेकिन जिस भी नये स्थान पर शिफ्टिंग होगी, वहां सुविधाओं और संसाधनों के आधार पर चयन किया जायेगा। इसके लिये एक चयन समिति भी बनायी गयी है।

हाईकोर्ट ने, सभी अधिवक्ताओं और वादकारियों, जनता से भी इस संबंध में राय लेने का निर्णय किया है। इसके लिये जल्द ही ऑनलाइन रायशुमारी के लिये पोर्टल लांच कर दिया जायेगा। इसके साथ ही, विभिन्न मीडिया माध्यमों में भी विज्ञापन देकर राय मांगी जायेगी। मुख्य सचिव को भी सात जून तक स्थान चयन के संबंध में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।

गौलापार में वनभूमि होने के कारण दिक्कत

जानकारी के अनुसार, हल्द्वानी के गौलापार में, जो जगह हाईकोर्ट के लिये तलाशी गयी है, वहां करीब 75 प्रतिशत वन भूमि है। इसके चलते वहां पेड़ काटने होंगे। बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट शिफ्टिंग के लिये पेड़ काटने के पक्ष में नहीं है। इसी वजह से, अदालत ने गौलापार में शिफ्टिंग की योजना को नकार दिया है।

31 मई तक ली जायेगी पोर्टल पर राय

हाईकोर्ट ने ऑनलाइन रायशुमारी के लिये 14 मई तक पोर्टल आरंभ करने को कह दिया है। इस पोर्टल पर अधिवक्ता, वादकारी अपनी राय दे सकेंगे कि वे नैनीताल से कोर्ट को शिफ्ट करवाना चाहते हैं या नहीं। जानकारी के अनुसार, इस पोर्टल पर 31 मई तक राय दी जा सकेगी।

चयन समिति में ये लोग शामिल किये गये

हाईकोर्ट ने स्थान के चयन के लिये एक समिति भी बना दी है। रजिस्ट्रार जनरल की अध्यक्षता में गठित समिति में, प्रमुख सचिव विधायी एवं संसदीय कार्य, प्रमुख सचिव गृह, दो वरिष्ठ अधिवक्ता, उत्तराखंड बार काउंसिल की ओर से नामित एक सदस्य, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और एक अन्य सदस्य रखे गये हैं।

सात हजार अधिवक्ताओं के लिये चाहियेे चैंबर

हाईकोर्ट ने कहा है, कि कोर्ट शिफ्टिंग के लिये जिस भी स्थान का चयन किया जाये, वहां 50 जजों और 7000 अधिवक्ताओं के लिये चैंबरों की व्यवस्था के लिये उपयुक्त स्थान। चिकित्सा सुविधा एवं अन्य बुनियादी जरूरतें होनी चाहिये।

गढ़वाल के वकील अब ऋषिकेश के लिये हो रहे एकजुट

हाईकोर्ट ने भले ही, अपने मौखिक आदेश पर उठ रहे विरोध के बाद, नये सिरे से कवायद शुरू करने की बात कह दी है। लेकिन, आईडीपीएल को लेकर दी गयी राय पर, अब गढ़वाल मंडल से आवाज उठने लगी है। गढ़वाल मंडल के अधिवक्ताओं को आईडीपीएल ही बेंच के लिये उपयुक्त जगह लग रहा है।

खास बात यह है, कि हाईकोर्ट ने खुद अपने मौखिक आदेश में कहा था, कि नैनीताल हाईकोर्ट में आने वाले 70 प्रतिशत मुकदमे गढ़वाल मंडल से होते हैं। शेष 30 प्रतिशत कुमाउं मंडल के मुकदमों के लिये अदालत ने नैनीताल में ही सुनवाई करने की बात कही थी।

एचएमटी रानीबाग, पटवाडांगर नैनीताल पर भी चर्चा

जानकारी के अनुसार, हाईकोर्ट गौलापार में शिफ्टिंग से तो इनकार कर ही चुका है। इसके बाद, हाईकोर्ट के लिये उपयुक्त स्थान के रूप में भीमताल रोड पर रानीबाग स्थित एचएमटी परिसर या नैनीताल से दस किलोमीटर दूर स्थित पटवाडांगर पर भी चर्चाएं जारी हैं। दोनों ही स्थानों पर पर्याप्त भूमि और भवन उपलब्ध हैं।

 

 

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