Valley Of Flower Trek 2024: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित, विश्वप्रसिद्ध फूलों की घाटी, सैलानियों के लिये खुलने वाली है। फूलों की घाटी के लिये ट्रेकिंग एक जून से शुरू होगी। ट्रेकिंग सीजन 30 अक्टूबर तक चलेगा।
मनोरम फूलों के लिये, दुनियाभर में खास पहचान रखने वाली, फूलों की घाटी पर्यटकों के दीदार के लिये तैयार है। पांच सौ से ज्यादा प्रजातियों के फूलों की मौजूदगी वाले, फूलों की घाटी नेशनल पार्क (Valley Of Flowers National Park) के प्रवेशद्वार, एक जून से खुलने वाले हैं। उत्तराखंड वन विभाग ने इसकी तैयारियां पूरी करते हुये, कार्यक्रम जारी कर दिया है।
फूलों की घाटी नेशनल पार्क के, उप वन संरक्षक बीबी मर्ताेलिया ने जानकारी दी है, कि फूलों की घाटी के लिए पर्यटकों का पहला दल 01 जून को घांघरिया बेस कैंप से रवाना किया जाएगा। पर्यटकों को फूलों की घाटी का ट्रेक करने के बाद उसी दिन बेस कैंप घांघरिया वापस आना होगा। बेस कैंप घांघरिया में पर्यटकों के ठहरने की समुचित व्यवस्था है।
उन्होंने बताया कि फूलों की घाटी ट्रेक के लिए भारतीय नागरिकों को 200 रुपये इको शुल्क देना होगा। विदेशी नागरिकों के लिए 800 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। बताया कि, फूलों की घाटी के लिए बेस कैंप घांघरिया से टूरिस्ट गाइड भी लिया जा सकता है।
उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी ट्रैक इस बार 01 जून 2024 से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। फूलों की घाटी ट्रैक अपने विभिन्न तरह के फूलों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। pic.twitter.com/MYffala0oM
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) May 18, 2024
इसलिये खास है यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल फूलों की घाटी
यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट (UNESCO World Heritage Site) में शामिल, फूलों की घाटी में गेंदा, ब्रह्मकमल समेत, कई दुर्लभ प्रजातियों के फूल, मई से अक्टूबर के बीच खिलते हैं। इस दौरान, करीब 87 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत यह घाटी रंग-बिरंगी नजर आती है।
दुर्लभ जंतुओं को देखने का भी मिल सकता है मौका
फूलों की घाटी नेशनल पार्क, फूलों के साथ ही, कई दुर्लभ जीवों का भी घर है। यहां ग्रे लंगूर, हिमालयी नेवला, उड़ने वाली गिलहरी, काले हिरण, लाल लोमड़ी, हिम तेंदुआ, हिमालयन मोनाल और तितलियों की भी कई प्रजातियों को देखने का मौका ट्रेकिंग के दौरान मिल सकता है।
घांघरिया बेस कैंप से, पांच किलोमीटर का है ट्रेक
फूलों की घाटी जाने के लिये, घांघरिया से ट्रेक शुरू होता है। ट्रेक की कुल लंबाई, पांच से छह किलोमीटर है। यानी आने-जाने में, 12 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है। खास बात यह है, कि इस ट्रेक में फूलों की घाटी में कैंप करने की अनुमति नहीं दी जाती है।
ऐसे में, घांघरिया बेस कैंप से शुरू करने के बाद, उसी दिन शाम पांच बजे तक वापस घांघरिया बेस कैंप आना होता है। ट्रेकिंग घांघरिया बेस कैंप से सुबह छह बजे आरंभ होती है। ऐसे में, अगर आप यह ट्रेक करना चाहें, तो एक दिन में 12 किलोमीटर ट्रेक करने की तैयारी पहले से कर लें।
फूलों की घाटी तक कैसे पहुंचें
चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिये, सड़क मार्ग से गोविंदघाट तक पहुंचा जा सकता है। यहां से घांघरिया की दूरी करीब 11 किलोमीटर है। यानी, फूलों की घाटी जाने के लिये, आपको गोविंदघाट से घांघरिया तक भी ट्रेक करके आना होगा।
फूलों की घाटी के लिये सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जौलीग्रांट देहरादून में है। जौलीग्रांट की, गोविंदघाट से दूरी 278 किलोमीटर है। वहीं, नजदीकी रेलवे स्टेशन, ऋषिकेश है, जो गोविंदघाट से लगभग 269 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
खुद ट्रेक करें, या जीएमवीएन से लें टूर प्लान
फूलों की घाटी जाने के लिये, आप खुद ही, ऋषिकेश से बस या शेयरिंग टैक्सी के जरिये, गोविंदघाट तक सफर करने के बाद, घांघरिया पहुंच सकते हैं। अगर आप यहां जाने के लिये टूर प्लान लेना चाहते हैं, तो गढ़वाल मंडल विकास निगम (Garhwal mandal Vikas Nigam) के प्लान भी चेक कर सकते हैं। जीएमवीएन (GMVN) के टूर प्लान देखने के लिये, आप यहां क्लिक कर सकते हैं।
फूलों की घाटी के बेस कैंप पर करवा लें पंजीकरण
फूलों की घाटी जाने के लिये, घांघरिया स्थित बेस कैंप में पंजीकरण किया जाता है। यहां मौजूद पुलिसकर्मी और वनकर्मी, घाटी में प्रवेश करने वाले यात्रियों की पूरी जानकारी दर्ज करते हैं। यहां किसी तरह की दिक्कत नहीं हो, इसके लिये यात्रा शुरू करने से पहले, अपने जरूरी दस्तावेज साथ जरूर रख लें।
फूलों की घाटी से और कहां जा सकते हैं
फूलों की घाटी का ट्रेक एक दिन का होता है। सुबह घाटी में जाकर शाम को वापस आना होता है। अगर आप, नजदीक के दूसरे दर्शनीय स्थलों पर भी जाना चाहें, तो घांघरिया से ही गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब, हेमकुंड झील भी जा सकते हैं। घांघरिया से वहां के लिये करीब छह किलोमीटर का ट्रेक करना होगा।
इसके अलावा, यहां से श्रीबद्रीनाथ धाम की दूरी दस किलोमीटर है। धाम में दर्शन के बाद, आप भारत के प्रथम गांव, माणा भी जा सकते हैं। इसके अलावा, यहां से जोशीमठ, औली भी जाया जा सकता है।
कुछ महत्वपूर्ण लिंक
जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर एयर शेड्यूल जानने के लिये यहां क्लिक कीजिये
ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की जानकारी के लिये, यहां क्लिक करें
उत्तराखंड परिवहन निगम की बस सेवाओं की जानकारी के लिये यहां क्लिक कीजिये
उत्तराखंड हाईकोर्ट शिफ्ट करवाने पर, दे सकते हैं आप भी अपनी राय