Wildlife Crime: उत्तराखंड में वन्यजीव तस्करी का बड़ा मामला सामने आया है। तीन तस्करों को पकड़कर उनके पास से बाघ की दो खालें बरामद की गयी हैं। बरामद एक खाल उत्तराखंड में अब तक बरामद की गयी सबसे लम्बी खाल है।
स्पेशल टास्क फोर्स (STF), वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) और तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी को ऊधमसिंह नगर जिले में बाघों की खाल बेचने की कोशिश की जानकारी मिली थी। इसके बाद कुछ दिन से टीम तस्करों की तलाश में जुटी हुयी थी।
बुधवार शाम एसटीएफ को सूचना मिली कि तस्कर जसपुर से एक ट्रक में बाघों की खालें और हड्डियां लेकर निकल रहे हैं। वे बाजपुर से होकर रुद्रपुर जाने वाले थे। इस पर टीम ने ट्रक संख्या UK18-CA-6713 की तलाश शुरू कर दी। बाजपुर दोराहा के पास टीम ने इस ट्रक को रुकवा लिया।
तलाशी में ट्रक से दो बाघों की खालें और 35 किलो हड्डियां बरामद हुयीं। ट्रक सवार तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। बरामद खालों में से एक की लंबाई 11 फीट चार इंच है, जो राज्य में अब तक बरामद सबसे लम्बी खाल है। दूसरी खाल नौ फीट चार इंच लम्बी है।
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार किये गये तीनों आरोपियों के लंबे समय से वन्यजीव तस्करी में शामिल होने की पुष्टि हुयी है। आरोपी काशीपुर से ये खाल लेकर रुद्रपुर में किसी को बेचने जा रहे थे। आरोपियों में से दो पिता-पुत्र हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है।
आरोपियों के नाम कुलविंदर सिंह, उसका बेटा शमशेर सिंह और जोगा सिंह के रूप में हुयी। तीनों आरोपी जसपुर के सरवरखेड़ा के रहने वाले हैं। उनसे पूछताछ कर गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी जुटायी जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि दोनों बाघ कहाँ मारे गये थे।
आरोपियों को पकड़ने वाली एसटीएफ टीम में एसटीएफ कुमाऊँ निरीक्षक एमपी सिंह, एसआई विपिन जोशी, बृजभूषण गुरुरानी, एएसआई प्रकाश भगत, मुख्य आरक्षी महेन्द्र गिरी, किशोर कुमार, जगपाल सिंह, गोविंद बिष्ट और आरक्षी गुरवंत सिंह रहे।
वहीं, तराई केंद्रीय वन प्रभाग की टीम में रेंजर रूपनारायण गौतम, डिप्टी रेंजर दीवान सिंह रौतेला, वनरक्षक किशन सनवाल और राहुल कुमार भी शामिल रहे।
जुलाई में भी पकड़ी थी खाल: ऊधमसिंह नगर जिले में जुलाई में भी बाघ की खाल पकड़ी गयी थी। उस खाल की लंबाई 11 फीट थी। तब एसटीएफ, वन विभाग, एसओजी की संयुक्त टीम ने खटीमा से चार तस्करों को गिरफ्तार किया था। इन तस्करों ने काशीपुर के एक तस्कर से यह खाल खरीदी थी। उनसे 10.5 किलो बाघ की हड्डी भी मिली थीं।