Aiims Rishikesh: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Aiims Rishikesh) से ब्लड कम्पोनेंट लेकर बेस अस्पताल कोटद्वार के लिये निकला ड्रोन क्रैश हो गया। ड्रोन बेस अस्पताल से करीब 14 किलोमीटर पहले ही भाबर के इंडस्ट्रियल क्षेत्र में पेड़ से टकरा गया। यह उड़ान एम्स से कोटद्वार तक दवाएं भेजने की पहली ट्रायल उड़ान थी।
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जानकारी के अनुसार एम्स ऋषिकेश से सोमवार दोपहर करीब एक बजे ड्रोन को बेस अस्पताल कोटद्वार के लिये उड़ाया गया था। इसे दोपहर ढाई बजे तक कोटद्वार पहुंचना था। 25 किलो वजन के इस ड्रोन में करीब दो किलो वजन के ब्लड कम्पोनेंट बेस अस्पताल भेजे जा रहे थे। लेकिन तय समय के काफी देर बाद भी ड्रोन कोटद्वार बेस अस्पताल नहीं पहुंचा।
इस बीच कोटद्वार पुलिस को जशोधरपुर औद्योगिक क्षेत्र में ड्रोन देखे जाने की सूचना मिली। पुलिस मौके पर पहुंची तो पता चला कि ड्रोन औद्योगिक क्षेत्र में यूकेलिप्टस के पेड़ से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गया था।
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पुलिस ने जमीन पर गिरे ड्रोन के अवशेष कब्जे में ले लिये, जबकि काफी हिस्सा पेड़ पर अटका हुआ था। बाद में क्रेन की मदद से इन हिस्सों को खासी मशक्कत के बाद निकाला जा सका। कोटद्वार अस्पताल से ड्रोन ऑपरेटर और अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गये।
दो ट्रायल रहे हैं कामयाब: एम्स ऋषिकेश से ड्रोन की मदद से दूरस्थ अस्पतालों तक दवा भेजने का यह पहला प्रयास नहीं था। इससे पहले एम्स से टिहरी के बौराड़ी में दवाएं भिजवायी गयी थीं। इसके बाद यमकेश्वर क्षेत्र में भी दवाएं भेजी गयी थीं। ये दोनों ट्रायल सफल रहे थे। एम्स की योजना है कि ड्रोन की मदद से दूरस्थ अस्पतालों में भर्ती मरीजों तक दवाएं कम से कम समय में पहुंचायी जा सकें।
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खराब मौसम हो सकता है वजह: बताया जा रहा है कि एम्स से उड़ान भरने वाला करीब 5 फीट लम्बा यह ड्रोन 400 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है। जिस पेड़ से यह टकराया, वह करीब 30 फीट ऊंचा है। आशंका है कि खराब मौसम के चलते ड्रोन की उड़ान प्रभावित हुयी होगी और यह नीचे आकर पेड़ से टकराया होगा।
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दोबारा हो सकता है ट्रायल: बताया जा रहा है कि सोमवार को उड़ाया गया ड्रोन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। एम्स प्रशासन के तकनीकी विशेषज्ञ दुर्घटनास्थल से जुटाये गये इसके टुकड़ों की जांच करेंगे। सम्भावना है कि इसके बाद आवश्यक बदलाव कर कुछ समय बाद कोटद्वार बेस अस्पताल के लिये फिर उड़ान ट्रायल हो सकता है।