EVM VVPAT Case: सुप्रीम कोर्ट ने मतदान में वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) की शत प्रतिशत पर्चियों के मिलान की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। याचिका में वीवीपैट पर्चियों के ईवीएम (EVM) वोटों से मिलान का आदेश देने की मांग रखी गयी थी। लोकसभा चुनाव 2024 के लिये जारी प्रक्रिया के बीच अदालत का यह बड़ा फैसला आया है।

इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के बजाय बैलेट पेपर से मतदान करवाने की याचिका को भी खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने देश में बेहतर लोकतंत्र के लिए, परस्पर विश्वास और सहयोग के विकास की जरूरत जतायी।

सुप्रीम कोर्ट में वीपीपैट की पर्चियों और ईवीएम पर डाले गये वोटों के मिलान को लेकर तीन याचिकाएं दायर की गयी थीं। इनमें एक याचिका प्रख्यात वकील प्रशांत भूषण की ओर से भी दायर की गयी थी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने 18 अप्रैल को इस मामले पर अंतिम सुनवाई करते हुये फैसला सुरक्षित रखा था।

शुक्रवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुये तीनों याचिकाओं को खारिज कर दिया। अदालत में दायर तीन याचिकाओं में से एक याचिका में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से मतदान पर संदेह जताते हुये, देश में फिर बैलेट पेपर पर ही मतदान कराने के आदेश देने का अनुरोध अदालत से किया गया था।

व्यवस्था पर अंधे संदेह के बजाय सार्थक आलोचना की जरूरत
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि व्यवस्था पर अंधे तरीके से अविश्वास करना संदेहवाद को बढ़ाता है। लोकतंत्र की बेहतरी के लिये अविश्वास के बजाय सार्थक आलोचना की जरूरत है। लोकतंत्र में सभी स्तम्भों के बीच विश्वास और सामंजस्य की जरूरत है।

लोकसभा चुनाव 2024 दूसरे चरण का मतदान प्रतिशत, यहां जानिये

चुनाव आयोग ईवीएम को फुलप्रूफ बनाये

सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी ने पक्ष रखा। कोर्ट ने चुनाव आयोग और अन्य सम्बंधित प्राधिकरणों को निर्देश दिया कि वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को फुलप्रूफ बनाने पर और अधिक ध्यान दें।

मात्र संदेह के आधार पर कैसे आदेश दें?

इस मामले पर 24 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ या हैकिंग के कोई ठोस सबूत अब तक नहीं मिले हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा था कि क्या कोर्ट सिर्फ संदेह के आधार पर ही ईवीएम के उपयोग पर निर्देश दे सकती है?

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को ये निर्देश भी दिये

  • सिंबल लोडिंग प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, सील की गयी सिंबल लोडिंग यूनिट्स को 45 दिन तक स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा जाये
  • यूनिट्स के वेरिफिकेशन के समय सभी प्रत्याशियों को उपस्थित रहने का विकल्प दिया जाये
  • जिला निर्वाचन अधिकारी यह सत्यापित और प्रमाणित करें कि यूनिट की मेमोरी नष्ट की जा चुकी है
  • इंजीनियरों की एक टीम इसकी जांच करे कि माइक्रो कंट्रोल यूनिट से मेमोरी बर्न हो चुकी है या नहीं

कोर्ट का आदेश विपक्ष के लिये बड़ा झटका

सुप्रीम कोर्ट का याचिकाओं को खारिज कर देना लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान विपक्ष के लिये बड़ा झटका माना जा रहा है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल लगातार ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। लगभग हर चुनाव में परिणाम घोषित होने के बाद विपक्षी दल ईवीएम में छेड़छाड़ और हैकिंग के आरोप लगाते रहे हैं। लेकिन, अदालत ने अपनी टिप्पणी में साफ कहा है कि ऐसा कोई ठोस साक्ष्य अब तक सामने नहीं आया है।

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान जारी

प्रशांत भूषण बोले- याचिका खारिज, लेकिन तीन मांगें मानीं

प्रशांत भूषण ने एक्स पर अदालत के आदेश की जानकारी देते हुये ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी हैं, लेकिन उनकी तीन मांगों को मानते हुये चुनाव आयोग को निर्देश दिये गये हैं। प्रशांत ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से यह जांच करने को कहा है कि क्या वीवीपैट पर्चियों पर बार कोड की व्यवस्था की जा सकती है, ताकि सभी पर्चियों की गिनती मशीन से की जा सके। उनके अनुसार, इसके अलावा सिंबल लोडिंग यूनिट को सुरक्षित रखने और चुनाव में हारने वाले प्रत्याशी को किन्हीं पांच ईवीएम की बर्न मेमोरी की जांच करवाने की सुविधा देने को कहा गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *