Haldwani Investigation: हल्द्वानी दंगे की जांच कर रहे कुमाऊँ आयुक्त ने घटना के दौरान तैनात रहे अधिकारियों को नोटिस जारी किये हैं। नोटिस में अधिकारियों को दंगे के सम्बंध में बयान दर्ज करवाने के लिये कहा गया है। आयुक्त ने आम जनता से भी अपील की है कि घटना से जुड़े साक्ष्य, बयान दर्ज करवा सकते हैं।
बनभूलपुरा दंगे के मामले में पुलिस की ओर से आरोपियों की गिरफ्तारी और जांच का काम जारी है। नैनीताल पुलिस अब तक 58 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें नौ वांछित अभियुक्तों में शामिल पूर्व पार्षद शकील अंसारी, जियाउल रहमान और मोकिन सैफी भी हैं। पुलिस वाहन में आग लगाने वाले आरोपी भी दबोच लिये गये हैं।
पुलिस की ओर से दर्ज मुकदमों में 5000 के करीब अज्ञात व नामजद आरोपी शामिल हैं। पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश में जुटी है। वहीं, शासन स्तर पर पूरे घटनाक्रम की जांच कुमाऊँ आयुक्त दीपक रावत को सौंपी गयी है। 14 फरवरी को आयुक्त ने विज्ञप्ति जारी की थी। इसमें लोगों से बनभूलपुरा मामले में बयान दर्ज कराने और साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा था।
आयुक्त रावत ने बताया है कि जनता की ओर से अब तक उनके पास कोई व्यक्ति बयान दर्ज करवाने या साक्ष्य देने के लिये नहीं पहुंचा है। दो लोग पहुंचे थे, लेकिन उनके मामले निजी विवाद के थे। उन्होंने बताया कि अब सम्बन्धित अधिकारियों से पक्ष लेने का काम शुरू किया जा रहा है।
आयुक्त ने बताया कि बनभूलपुरा में घटना के दौरान मौजूद रहे और अन्य पुलिस, प्रशासनिक व निगम अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। अगले एक सप्ताह तक इन अधिकारियों के बयान दर्ज किए जाएंगे। इसके अलावा उनकी ओर से दिए जाने वाले साक्ष्य भी जांच में शामिल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आम जनता अब भी अपने बयान दर्ज करवा सकती है।
एजाज कुरैशी की सम्पत्ति भी कुर्क
दंगे के मामले में नामजद आरोपी एजाज कुरैशी की सम्पत्ति भी पुलिस ने कुर्क कर ली है। इससे पहले पुलिस दंगों के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद के घर पर भी कुर्की की कार्रवाई की जा चुकी है। पुलिस अब्दुल और उसके परिवार के खातों, लेनदेन के बारे में भी जानकारी जुटा रही है। अन्य आरोपियों की भी सम्पत्ति की जानकारी जुटाई जा रही है।