Uttarakhand Politics: उत्तराखंड कांग्रेस की सियासत में धुर विरोधी माने जाने वाले पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बीच हालिया घटनाक्रम एक-दूसरे की मदद का जरिया बनता नजर आ रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरक सिंह रावत के संस्थानों पर विजिलेंस कार्रवाई पर सवाल उठाये हैं। उनका कहना है कि भाजपा सरकार बदले की भावना से यह काम कर रही है। वहीं, हरक का कहना है कि अब वह 2016 स्टिंग ऑपरेशन की सीबीआई जांच नहीं चाहते हैं।

हरीश रावत ने गुरुवार को बागेश्वर में सवाल उठाया था कि हरक के भाजपा छोड़ने के बाद यह कार्रवाई क्यों हो रही है? इधर, हरक सिंह रावत ने एक साक्षात्कार के दौरान 2016 में स्टिंग ऑपरेशन मामले पर बात की।

हरक का कहना है कि 2016 में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार गिरी, तब रावत का एक चर्चित स्टिंग ऑपरेशन हुआ था। इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया था। उस दौरान हरक के निवेदन पर स्टिंग की सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी।

कुछ समय बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरीश रावत की सरकार बहाल हो गयी। इसके बाद कैबिनेट ने सीबीआई जांच नहीं कराने का प्रस्ताव पारित कर दिया। इसके खिलाफ हरक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। इस मामले पर जल्द सुनवाई होनी है।

हरक का कहना है कि इस मामले में सीबीआई जांच की जरूरत अब नहीं लगती। बताया कि इस सम्बंध में वह अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में प्रत्यावेदन करने जा रहे हैं, जिसमें निवेदन किया जायेगा कि स्टिंग मामले की सीबीआई जांच नहीं कराने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

हरिद्वार से लोकसभा की है दावेदारी: हरक सिंह रावत और हरीश रावत दोनों ही हरिद्वार लोकसभा सीट से दावेदार हैं। हरीश रावत यहां से पूर्व में सांसद भी रह चुके हैं। हरक पिछले कुछ समय से लगातार क्षेत्र में सक्रिय बने हुये हैं। टिकट के सवाल पर हरक का कहना है कि हरिद्वार सीट के लिये वह ‘फिट’ उम्मीदवार हैं। हालांकि यह भी कहा कि टिकट किसे मिलेगा, यह पार्टी नेतृत्व तय करेगा।

 

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