Vigilance: पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के बेटे के कॉलेज में जांच करने पहुंची टीम वहां से कई दस्तावेज ले गयी है। इसके अलावा टीम ने यहां लगा बड़ा जेनरेटर सेट भी उखड़वा लिया और ट्रॉली में लदवाकर ले गयी। बताया जा रहा है कि यह जेनसेट सरकारी है।

हरक सिंह रावत के वन मंत्री रहने के दौरान कॉर्बेट नेशनल पार्क की पाखरो रेंज में अवैध कटान, शिकार और घोटाले के आरोप लगे थे। मामले में तत्कालीन डीएफओ किशन चंद की गिरफ्तारी भी हुयी थी।

पिछले साल सीएम धामी ने मामले की जांच के आदेश दे दिये थे। हल्द्वानी विजिलेंस मामले की जांच कर रही है। बुधवार को विजिलेंस टीम जांच के लिये देहरादून पहुंच गयी। विजिलेंस की एक टीम हरक के बेटे के शंकरपुर स्थित मेडिकल कॉलेज तो दूसरी छिद्दरवाला में पेट्रोल पंप पर गयी।

कॉलेज में विजिलेंस टीम की मौजूदगी की जानकारी पर पूर्व मंत्री रावत भी वहां पहुंच गये। बताया जा रहा है कि टीम ने कॉलेज में कई दस्तावेज खंगाले हैं, जिन्हें टीम साथ ले गयी। टीम ने इस दौरान रावत और उनके बेटे आए भी कुछ जानकारियां लीं।

(VC: Social Media)

शाम को टीम ने दस्तावेजों की जांच के बाद कॉलेज में लगा बड़ा जेनरेटर उखड़वा लिया यह जेनरेटर टीम ट्रॉली में लदवाकर साथ ले गयी है। वहीं, छिद्दरवाला पम्प पर लगा जेनसेट भी टीम उखड़वाकर ले गयी है।

कॉर्बेट के लिये आया था जेनरेटर: बताया जा रहा है कि रावत के वन मंत्री रहने के दौरान कॉर्बेट की पाखरो रेंज के लिये एक जेनरेटर आया था। लेकिन यह जेनरेटर पार्क में जाने के बजाय रावत के बेटे के कॉलेज में पहुंच गया। सीएजी (CAG) की अंतरिम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था।

6000 से ज्यादा पेड़ काटने का है मामला: कॉर्बेट पार्क की पाखरो रेंज में 6000 से अधिक पेड़ काटे गये थे। इसके अलावा यहां नियमविरुद्ध निर्माण के भी आरोप थे। मामले की जांच शुरू हुयी तो वह विभाग के कई अधिकारियों पर इसकी गाज गिरी थी। अब जांच की आंच तत्कालीन मंत्री तक पहुंची है।

कोविड अस्पताल बनाया था: जानकारी के अनुसार कोरोनाकाल के दौरान हरक के बेटे के इस कॉलेज को कोविड अस्पताल बनाया गया था। तब यहां बड़े जेनरेटर की जरूरत पड़ी तो पाखरो के लिये आया सरकारी जेनरेटर यहां भेज दिया गया। कोरोनकाल खत्म होने के करीब दो साल बाद अब तक ये जेनरेटर यहीं उपयोग किया जा रहा था।

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