Zakia Wardak: भारत में अफगानिस्तान की राजनयिक (Afghanistan Consul General) जाकिया वरदाक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका यह त्यागपत्र, मुंबई एयरपोर्ट पर भारतीय राजस्व खुफिया निदेशालय (Directorate of Revenue Intelligence) की कार्रवाई के बाद आया है। इस कार्रवाई में राजनयिक को 25 किलो सोने के साथ पकड़ा गया, जिसकी कीमत 18 करोड़ बतायी गयी है। हालांकि, राजनयिक होने के कारण उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया, लेकिन सोना जब्त कर लिया गया है।

जानकारी के अनुसार, राजस्व खुफिया निदेशालय ने अफगानिस्तान की महिला राजनयिक जाकिया वरदाक को सोने की तस्करी करते हुये पकड़ा। जाकिया, अपने बेटे के साथ दुबई से मुंबई पहुंची थीं। उनके मुंबई पहुंचने से पहले ही निदेशालय को उनके पास सोना होने का इनपुट आ गया था। इसके बाद एयरपोर्ट पर निदेशालय की एक टीम तैनात कर दी गयी थी।

बताया जा रहा है कि महिला राजनयिक एयरपोर्ट से बाहर निकल रहीं थी, तभी डीआरआई के अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया। राजनयिक से पूछा गया कि क्या उनके पास कोई ऐसा सामान तो नहीं है, जिस पर कस्टम ड्यूटी लगती हो? तो राजनयिक ने ऐसा कोई भी सामान अपने पास होने से इनकार कर दिया। इसके बाद उनके सामान की तलाशी ली गयी, तो 25 किलो सोना बरामद किया गया। बताया जा रहा है कि इस सोने की कीमत करीब 18 करोड़ है।

राजनयिक होने के कारण, निदेशालय की ओर से उन्हें इस तस्करी पर गिरफ्तार नहीं किया गया। लेकिन, इस घटना के बाद वरदाक ने भारत में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। शनिवार दोपहर 12ः34 बजे जाकिया वरदाक ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर, अपने आधिकारिक एकाउंट पर, अपना इस्तीफा दारी, पश्तो और अंग्रेजी तीनों भाषाओं में जारी किया है।

भारत में अफगानिस्तान की इकलौती राजनयिक थीं

जाकिया वरदाक भारत में अफगानिस्तान की इकलौती राजनयिक थीं। मूलतः उनकी तैनाती मुंबई स्थित अफगान वाणिज्यिक दूतावास में बतौर कांसुलेट जनरल थी। लेकिन, लंबे समय से वह दिल्ली स्थित अफगानिस्तान दूतावास की कार्यवाहक राजदूत के तौर पर भी काम कर रही थीं। जाकिया वरदाक को भारत में तैनात हुये, तीन साल का समय हो चुका है।

इस्तीफे में नहीं किया सोना बरामदगी का जिक्र

जाकिया वरदाक ने जो इस्तीफा ट्वीट किया है, उसमें उन्होंने मुंबई एयरपोर्ट पर उन्हें रोके जाने और 25 किलो सोना बरामद किये जाने की घटना का कोई जिक्र नहीं किया है। उन्होंने यह भी साफ नहीं किया है कि वह इतनी बड़ी मात्रा में सोना क्यों और कहां लेकर जा रही थीं और उन्होंने नियमानुसार, इसकी जानकारी पहले से अधिकारियों को क्यों नहीं दी थी।

मुझ पर, मेरे परिवार पर निजी हमले किये जा रहे

अपने इस्तीफे में जाकिया वरदाक ने खुद को छवि बिगाड़ने वाले हमलों से परेशान बताया है। उनका कहना है कि बीते कुछ समय से लगातार उन्हें बदनाम करने के प्रयास किये जाते रहे हैं। उनके परिवार और रिश्तेदारों तक पर आरोप लगाये जाते रहे हैं। उनका कहना है कि ये हमले सुनियोजित तरीके से किये जा रहे हैं।

अफगान महिलाओं को झेलनी पड़ रहीं चुनौतियां

जाकिया वरदाक ने इस्तीफे में लिखा है कि उन पर हुये इन छवि बिगाड़ने वाले हमलों ने उनके कामकाज पर खासा असर डाला है। इसके साथ ही, यह भी साफ किया है कि आधुनिक जगत से कदम मिलाने और सकारात्मक बदलाव की कोशिश कर रहीं अफगानी महिलाओं को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

खुद पर हमले के लिये तैयार, परिवार के लिये नहीं

जाकिया वरदाक ने लिखा है कि सामाजिक क्षेत्र की जिम्मेदारी संभालने से पहले ही उन्हें मालूम था कि इस तरह के आरोप लगेंगे। इसके लिये वह पहले से तैयार भी थीं, लेकिन जिस तरह से उनके परिवारजनों और नजदीकी लोगों को भी इस साजिश का हिस्सा बनाया जा रहा है, उसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी।

महिला प्रतिनिधियों को ही चुनकर हो रहे हमले

जाकिया वरदाक ने घटनाक्रम को महिला प्रतिनिधियों पर हमले के तौर पर पेश करने की भी कोशिश की है। उन्होंने लिखा है कि मेरी छवि बिगाड़ने के लिये किये गये हमलों की सीमा पार हो चुकी है। यह साफ हो गया है कि सामाजिक तौर पर महिलाओं को सहयोग और समर्थन देने के बजाय, उन्हें निशाना बनाकर इस तरह के हमले किये जा रहे हैं।

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