Sadhguru Jaggi Vasudev: आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वसुदेव को लेकर बड़ी खबर आ रही है। लंबे समय से सिरदर्द की शिकायत के बाद उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां जांच के दौरान सूजन और इंटरनल ब्लीडिंग की पुष्टि होने के बाद चिकित्सकों ने सद्गुरु की ब्रेन सर्जरी की है। सर्जरी के बाद अब उनकी हालत स्थिर है। वहीं, देर शाम सद्गुरु ने भी अपोलो अस्पताल से अपना वीडियो जारी किया है।

जानकारी के अनुसार सद्गुरु जग्गी वसुदेव को करीब एक महीने से सिर में दर्द की शिकायत बनी हुयी थी। इस पर ईशा फाउंडेशन की ओर से दिल्ली के अपोलो अस्पताल में चिकित्सकों से संपर्क किया गया। इस बीच सद्गुरु अपने नियमित एवं पूर्वनिर्धारित कार्यक्रमों में पहले की तरह ही भाग लेते रहे। 15 मार्च को उन्हें सिर में असहनीय दर्द की शिकायत होने पर चिकित्सकों की सलाह पर उनका एमआरआई करवाया गया।

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एमआरआई में ब्रेन में सूजन और इंटरनल ब्लीडिंग की पुष्टि होने के बाद उन्हें 17 मार्च को दिल्ली अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां 17 मार्च को ही अपोलो के सीनियर सीनियर कन्सलटेन्ट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनीत सूरी, डॉ. प्रणव कुमार, डॉ. सुधीर त्यागी और डॉ. एस चटर्जी की टीम ने सद्गुरु की इमरजेंसी सर्जरी की गयी। इसके बाद ही उनके मस्तिष्क में हो रही ब्लीडिंग को रोका जा सका।

ईशा फाउंडेशन की ओर से सर्जरी के तीन दिन बाद बुधवार यानी 20 मार्च 2024 को एक्स पर एक वीडियो जारी कर पूरे मामले की जानकारी दी गयी है। इस वीडियो में अपोलो अस्पताल के डॉ. विनीत सूरी ने सद्गुरु की सेहत के बारे में अपडेट दिया है। उन्होंने बताया कि सद्गुरु को सर्जरी के बाद कुछ समय तक वेंटिलेटर पर रखा गया था, लेकिन अब वह वेंटिलेटर पर नहीं हैं। बताया कि उनकी हालत में तेजी से सुधार हो रहा है।

सद्गुरु को कई दिनों से बनी हुयी थी समस्या

डॉ. विनीत सूरी ने बताया कि बातचीत से पता चला कि सद्गुरु को काफी दिनों से यह समस्या बनी हुयी थी। इसके बावजूद वह पूर्वनिर्धारित कार्यक्रमों में सक्रियता से सहभाग करते आ रहे थे। आठ मार्च को महाशिवरात्रि कार्यक्रम समेत एक चैनल के कॉन्क्लेव में भी वह सिरदर्द के बावजूद शामिल हुये। इस दौरान वह लगातार पेन किलर ले रहे थे।

15 और 16 मार्च को भी कार्यक्रमों में भाग लिया

डॉ. विनीत सूरी ने बताया कि 15 मार्च को जब सद्गुरु का सीटी स्कैन करवाया गया, तो उन्होंने तभी ऑपरेशन की जरूरत जता दी थी। लेकिन, सद्गुरु ने कहा कि उस दिन शाम छह बजे उन्हें एक मीटिंग में जाना है। उन्होंने कहा कि 40 साल में उन्होंने कोई मीटिंग नहीं छोड़ी है, लिहाजा दवाएं लेकर वह चले गये। अगले दिन 16 मार्च को भी उन्होंने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में हिस्सा लिया।

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सद्गुरु के ब्रेन में दूसरी बार हुयी थी ब्लीडिंग

डॉ. सूरी ने बताया है कि 15 मार्च को करायी गयी जांच में साफ हुआ कि सद्गुरु के मस्तिष्क में ब्लीडिंग दूसरी बार हुयी है। जांच आगे बढ़ाने पर मालूम हुआ कि इससे करीब तीन सप्ताह पहले भी उनके ब्रेन में ब्लीडिंग हो चुकी थी। बताया कि सद्गुरु के लगातार काम करते रहने और मस्तिष्क में बढ़ती जा रही सूजन से उनके जीवन पर खतरा बन गया था।

आखिर सर्जरी करवाने के लिये तैयार हुये सद्गुरु

डॉ. विनीत सूरी ने बताया कि सद्गुरु 15 मार्च को जांच करवाने के बाद से ही डॉक्टरों की सर्जरी की सलाह को अपने कार्यक्रमों के चलते टाल रहे थे। लेकिन 17 मार्च को जब, उनकी हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गयी और उन्हें अस्पताल लाया गया, तब आखिर उन्होंने कहा, डॉक्टर आप जो चाहते हैं, अब कर सकते हैं। इसके बाद तुरंत सर्जरी शुरू की गयी।

लगातार बिगड़ रहे थे हालात, बन गया था खतरा

वरिष्ठ पत्रकार आनंद नरसिम्हन ने एक्स पर किये ट्वीट में बताया है कि 17 मार्च को सद्गुरु की हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गयी थी। सद्गुरु बेसुध हो गये थे, जबकि उन्हें लगातार उल्टियां हो रही थीं। इसके बाद डॉक्टरों ने तत्काल सद्गुरु की ब्रेन सर्जरी करने का निर्णय लिया। सफल सर्जरी के बाद अब उनकी हालत में तेजी से सुधार आ रहा है।

सद्गुरु ने भी अपोलो अस्पताल से जारी किया वीडियो

दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती सद्गुरु ने अपने चाहने वालों के लिये अस्पताल से ही वीडियो जारी किया है। करीब सात बजे एक्स पर किये गये एक ट्वीट के जरिये जारी इस वीडियो में सद्गुरु अपनी हालत के बारे में जानकारी देते हुये नजर आ रहे हैं। वीडियो में वह बातचीत करते हुये बिल्कुल सामान्य नजर आ रहे हैं। वह कहते हैं कि अपोलो अस्पताल के न्यूरोसर्जन्स ने मेरे सिर पर कट लगाया और अंदर कुछ ढूंढने की कोशिश की।

इसके बाद वह हंसते हुये कहते हैं- लेकिन डॉक्टरों को वहां कुछ नहीं मिला, अंदर पूरा खाली था। सद्गुरु ने कहा कि जब कुछ नहीं मिला तो डॉक्टरों ने मेरे सिर को पैच कर दिया। मैं दिल्ली के अपोलो अस्पताल में हूं। मेरे सिर पर पट्टी लगी है, लेकिन मेरे मस्तिष्क को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। इसके बाद उनके शिष्यों-समर्थकों ने राहत की सांस ली है।

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