Uttarakhand Congress Candidate: नैनीताल ऊधमसिंह नगर संसदीय सीट पर कांग्रेस ने लंबे इंतजार के बाद आखिर प्रकाश जोशी को प्रत्याशी घोषित कर दिया। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी पूर्व में कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र से दो बार कांग्रेस प्रत्याशी रह चुके हैं। उधर, राहुल गांधी के करीबी प्रकाश जोशी को टिकट मिलते ही पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के भतीजे दीपक बल्यूटिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।

कांग्रेस ने शनिवार रात लोकसभा चुनाव 2024 के लिये उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी की। उत्तराखंड में कांग्रेस ने तीन सीटों अल्मोड़ा, पौड़ी गढ़वाल और टिहरी गढ़वाल पर अपने प्रत्याशी पहले ही घोषित कर दिये थे। हरिद्वार और नैनीताल ऊधमसिंह नगर संसदीय सीट पर चल रही अंदरूनी खींचतान के चलते पार्टी नेतृत्व ने घोषणा टाली हुयी थी। शनिवार को इन दोनों सीटों पर भी पार्टी ने उम्मीदवार तय कर लिये।

पार्टी ने हरिद्वार से पूर्व सीएम हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत और नैनीताल से प्रकाश जोशी को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत करने वाले प्रकाश जोशी एनएसयूआई में राष्ट्रीय महासचिव रहे। इसके बाद युवक कांग्रेस में राष्ट्रीय सचिव और फिर कांग्रेस में भी राष्ट्रीय सचिव तक की जिम्मेदारी उन्होंने संभाली है।

पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व और संगठन पर जोशी की मजबूत पकड़ मानी जाती है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से उनकी नजदीकियां रही हैं, यही वजह है कि नैनीताल जिले की कालाढूंगी सीट पर उन्हें दो बार पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया था, लेकिन अब लोकसभा चुनाव में एक बार फिर वह पार्टी नेतृत्व की पसंद बनकर उभरे हैं।

टिकट की दौड़ में दिग्गजों को पछाड़ आगे निकले

नैनीताल सीट पर कांग्रेस से पूर्व सांसद महेंद्र सिंह पाल, उत्तराखंड सरकार के पूर्व औद्योगिक सलाहकार रंजीत सिंह रावत, वर्तमान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष और खटीमा विधायक भुवन कापड़ी और पूर्व सीएम एनडी तिवारी के भतीजे व उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया भी टिकट पर दावा कर रहे थे। हालांकि, इन सभी नेताओं के बीच प्रकाश पार्टी नेतृत्व की पसंद बनकर उभरे।

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कालाढूंगी में भगत का गढ़ ढहाने में रहे थे नाकाम

कांग्रेस ने प्रकाश जोशी को वर्ष 2012 और फिर वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में टिकट देकर मैदान में उतारा था। हालांकि, दोनों ही बार वह भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री बंशीधर भगत को शिकस्त दे पाने में नाकाम रहे थे। कालाढूंगी, यहां से लगातार पांच बार विधायक चुने जा चुके भगत का गढ़ सा बन चुका है। 2022 में भी उन्होंने कांग्रेस के महेश चंद्र को मात दी।

लोकसभा के लिये अजय भट्ट से मुकाबला

टिकट मिल जाने के बाद अब लोकसभा पहुंचने के लिये प्रकाश जोशी को भाजपा उम्मीदवार अजय भट्ट से मुकाबला करना होगा। अजय भट्ट 2019 में इस सीट पर सांसद चुने गये और उन्हें केंद्र सरकार में रक्षा राज्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गयी थी। इससे पहले 2014 में भी यह सीट भाजपा के कब्जे में थी, तब पूर्व सीएम, पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी यहां से सांसद चुने गये थे।

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एनडी के भतीजे दीपक बल्यूटिया ने दिया इस्तीफा

नैनीताल सीट पर प्रकाश जोशी का नाम फाइनल होते ही कांग्रेस के वरिष्ठ प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी की उत्तराखंड प्रभारी कुमारी शैलजा को भेजे त्यागपत्र में इस बात पर निराशा जतायी है कि वर्षों की सेवा के बावजूद पार्टी की ओर से उन्हें जनसेवा का कोई अवसर नहीं दिया गया है। बल्यूटिया ने इस्तीफे में क्या लिखाः

सेवा में,
सुश्री कुमारी शैलजा जी
प्रभारी उत्तराखण्ड कॉंग्रेस

विषय: कॉंग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा

महोदया,

बहुत ही भारी मन से व अपनी अंतरात्मा की आवाज से मैं कॉंग्रेस पार्टी से इस्तफा देने के लिए विवश हूँ। कॉंग्रेस के एक वफादार सिपाही होने के नाते 35 वर्षों से लगातार जन सेवा के साथ-साथ जन मुद्दों को उठाता आया हूँ। मैं बेहतर तरीके से समाज की सेवा करना चाहता हूँ।

मेरी प्रेरणा रहे उत्तराखण्ड के प्रिय नेता विकास पुरुष स्व० नारायण दत्त तिवारी के आदर्शों में चलकर उनके विकास के साथ-साथ उनकी विरासत को आगे लेजाकर समाज की सेवा करना चाहता रहा हूँ, लेकिन कॉंग्रेस में एक ऐसे विद्यार्थी की तरह महसूस करता हूँ जिसने बहुत मेहनत करी पर उसे कभी भी इम्तेहान में नहीं बैठने दिया गया और प्रतिभा का प्रदर्शन का मौका दिया।

मुझे मेरे उन साथियों के लिए बहुत पीढ़ा है जो मेरे साथ निःस्वार्थ भाव से जुड़े हैं और मेरे साथ मिलकर संघर्ष करते आए हैं।अपनी क्षमता व अपने संसाधनों के अनुसार मेरी पूर्ण कोशिश रही है कि यथा शक्ति जन सेवा करूँ व जन मुद्दों को जानता व सरकार सम्मुख रखूँ। मेरा मानना है कि एक संवैधानिक मुकाम में पहुँचकर जानता की बेहतर सेवा की जा सकती लेकिन कॉंग्रेस पार्टी द्वारा अवसर देने की बजाय हर समय अनदेखी की गई।

जब कोई भी पार्टी का जमीनी कार्यकर्ता जमीन पर पार्टी के लिए काम करता हो और पार्टी के शीर्ष नेता आपके किए संघर्ष व कार्य को सम्मान करने की बजाय आपको नजरंदाज करें तो बहुत पीड़ा होती है।पार्टी में तमाम गतिरोध व मनोबल गिराने के बावजूद निरन्तर कार्य करना आसान नहीं है बावजूद इसके 35 वर्षों से एक कर्मठ कार्यकर्ता व वफादार सिपाही की तरह सेवा करता रहा हूँ।

मैं उन सभी शुभ चिंतकों और मेरे संघर्ष की यात्रा में साथ रहे साथियों से इस आत्मनिर्णय के लिए तहेदिल से क्षमा चाहता हूँ और विश्वास दिलाता जन मुद्दों के लिए मेरा संघर्ष जारी रहेगा।

आपका अपना
दीपक बल्यूटिया

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