Abdul Malik Haldwani: हल्द्वानी दंगे का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक आखिर पुलिस के शिकंजे में आ ही गया। मलिक को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। मलिक के अलावा दो अन्य को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दंगे में अब तक 81 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में 08 फरवरी 2024 को अवैध अतिक्रमण हटाने के दौरान दंगा भड़क गया था। उपद्रवियों ने पुलिस, प्रशासन और नगर निगम टीम पर पथराव करते हुए हमला कर दिया था। पथराव, आगजनी में 300 से अधिक लोग जख्मी हो गए थे, जबकि 05 की मौत हो गयी थी। शुरुआती जांच में ही साफ हो गया था कि दंगे की तैयारी काफी दिनों से की जा रही थी।

आरंभिक जांच के बाद साफ हुआ कि दंगा भड़काने के पीछे अब्दुल मलिक का हाथ था। मलिक 08 फरवरी के दंगे के बाद से फरार था। नगर निगम ने उसके खिलाफ 2.44 करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस जारी किया था। मलिक पक्ष की ओर से कोई जवाब नहीं मिला, न ही रकम जमा करवाई गई। इस बीच पुलिस लगातार उसकी गिरफ्तारी के लिये दबिश देती रही।

कुछ दिन पहले, पुलिस ने मलिक, उसके बेटे अब्दुल मोईद समेत नौ आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर दिया था। इन सभी की सम्पत्ति कुर्की के आदेश और गैरजमानती वारंट भी जारी करवा लिए गए थे। बाद में इन सभी के पोस्टर भी चस्पा करवा दिए गए। इसके बाद भी मलिक का कोई सुराग नहीं लग पा रहा था। बीते दिनों, पुलिस-प्रशासन की संयुक्त टीम ने मलिक के घर कुर्की की कार्रवाई भी कर दी थी।

मलिक, उसके बेटे की तलाश में पुलिस की 16 टीमें पिछले 16 दिन से उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब तक लगातार सुरागकशी करते हुए दबिशें दे रही थीं। शनिवार को इनमें से एक टीम को दिल्ली में ठोस सुराग के आधार ओर दबिश देने के बाद बड़ी कामयाबी हाथ लगी। पुलिस टीम ने दंगे के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को दबोच लिया। उसे हलद्वानी लाया जा रहा है।

अब्दुल के अलावा शनिवार को दो अन्य आरोपियों मोहम्मद फुरकान और सालिम को भी नैनीताल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके बाद अब तक गिरफ्तार कुल आरोपियों की संख्या 81 हो चुकी है। मलिक की गिरफ्तारी को पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।

अग्रिम जमानत के लिये दी थी याचिका

जानकारी के अनुसार कुर्की की कार्रवाई के बाद फरार अब्दुल मलिक दबाव में आ गया था। कुछ दिन पहले चल सम्पत्ति की कुर्की के बाद, दो दिन पहले हल्द्वानी तहसील की ओर से  मलिक के खिलाफ अचल संपत्ति की कुर्की का भी नोटिस जारी कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि इसके बाद मलिक बीच का रास्ता तलाश रहा था। शनिवार को ही उसने अपने अधिवक्ताओं के जरिये अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर करवा दी थी। इस पर 27 फरवरी को सुनवाई होनी थी। लेकिन, पुलिस ने पहले ही उसे धर दबोचा।

डीजीपी ने 50 हजार का इनाम दिया

अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी से नैनीताल पुलिस समेत राज्य पुलिस ने भी राहत की सांस ली है। इस बड़ी कामयाबी पर प्रदेश के पुलिस मुखिया डीजीपी अभिनव कुमार ने मलिक को दबोचने वाली टीम को 50 हजार रुपये इनाम दिया है। आईजी नीलेश आनन्द भरणे ने मलिक की गिरफ्तारी के साथ इनाम घोषणा की जानकारी दी।

अन्य आरोपियों की तलाश जारी

नैनीताल पुलिस ने बीते दिनों जिन नौ आरोपियों को भगोड़ा घोषित किया था, उनमें से तीन पहले ही पकड़े जा चुके हैं। इनमें शकील अंसारी, मोकिन सैफी, तसलीम कुरैशी, वसीम उर्फ हप्पा और जियाउल रहमान शामिल हैं। अब अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी के बाद छह वांछित धरे जा चुके हैं। मलिक के बेटे मोईद समेत तीन अन्य वांछितों की तलाश जारी है।

पुलिस टीम में ये रहे शामिल

अब्दुल मलिक को दबोचने वाली टीम में नैनीताल एसओजी प्रभारी एसआई अनीस अहमद, लालकुआं कोतवाली में तैनात एसआई गौरव जोशी, एसओजी हेड कांस्टेबल ललित कुमार और एसओजी कांस्टेबल चंदन नेगी शामिल रहे। आईजी कुमाउं ने टीम को पांच हजार और एसएसपी नैनीताल ने ढाई हजार का इनाम घोषित किया है।

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