BJP Uttarakhand: उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पिछली भाजपा सरकार में मंत्री रहे हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं रावत ने भाजपा की सदस्यता ले ली है। अनुकृति के अलावा ऊधमसिंह नगर की जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू गंगवार और उनके पति सुरेश गंगवार भी भाजपा में शामिल हो गये हैं। भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने तीनों को पार्टी की सदस्यता दिलाने के साथ उनका स्वागत किया।

2022 के विधानसभा चुनाव में लैंसडौन विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुकीं, अनुकृति गुसाईं रावत ने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस छोड़ने के बाद, उन्होंने मतदाताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा जितो और गढ़वाल संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी के पक्ष में मतदान की अपील का संदेश भी जारी किया था।

रविवार को अनुकृति गुसाईं रावत देहरादून स्थित भाजपा मुख्यालय में पहुंचीं और विधिवत पार्टी की सदस्यता ले ली। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, महामंत्री आदित्य कोठारी, विधायक विनोद चमोली और अन्य नेताओं ने अनुकृति का स्वागत किया। अनुकृति गुसाईं रावत का कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल से प्रेरित होकर यह निर्णय लिया।

दूसरी ओर, ऊधमसिंह नगर जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू गंगवार और उनके पति सुरेश गंगवार ने भी एक बार फिर भाजपा की सदस्यता ले ली। गंगवार दंपति कुछ वर्ष पहले तक भाजपा में ही था, लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 से पहले उन्होंने पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गये थे। उस दौरान सुरेश केंद्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का सदस्य भी थे।

हालांकि, गंगवार दंपति इससे पहले भी लंबे समय तक कांग्रेस में रहा। 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले दंपति ने कांग्रेस छोड़ दी थी, जिसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गये थे। अब बीती आठ अप्रैल को, यानी उत्तराखंड में मतदान से 11 दिन पहले गंगवार दंपति ने कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया था और भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट को समर्थन दिया था।

ऊधमसिंह नगर में जिला पंचायत पर है गंगवार परिवार का कब्जा

गंगवार दंपति के भाजपा में आने के बाद ऊधमसिंह नगर जिले में पार्टी को सियासी मजबूती मिलने के आसार हैं। गंगवार परिवार का ऊधमसिंह नगर जिला पंचायत पर कब्जा है। पिछले चार जिला पंचायत चुनावों में गंगवार परिवार से ही ऊधमसिंह नगर जिला पंचायत अध्यक्ष बनते आ रहे हैं।

ऐसे में गंगवार दंपति को पार्टी में शामिल कराने को, उत्तराखंड में कुछ समय बाद होने वाले पंचायत चुनावों पर परिवार के प्रभाव को भाजपा के पक्ष में मोड़ने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

विधानसभा चुनाव में महंत से हार गयी थीं अनुकृति

अनुकृति गुसाईं रावत लंबे समय से सामाजिक कार्याें में सक्रिय रही हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में हरक सिंह रावत अपनी पुत्रवधू के लिये लैंसडौन सीट पर कांग्रेस का टिकट लाने में कामयाब रहे थे। चुनाव से कुछ समय पहले ही वह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में गये थे।

हालांकि, अनुकृति विधानसभा नहीं पहुंच सकीं। लैंसडौन से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गये महंत दिलीप रावत ने उन्हें करीब दस हजार वोट के अंतर से मात दी थी।

राष्ट्रीय कमेटी की अनुमति के बाद सदस्यता

भाजपा से मिली जानकारी के अनुसार, अनुकृति और गंगवार दंपति को पार्टी की राष्ट्रीय कमेटी की अनुमति के बाद ही सदस्यता दी गयी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली यह कमेटी पार्टी में सदस्यता के लिये आने वाले प्रस्तावों को लेकर विभिन्न पहलुओं पर मंथन करती है। इसके बाद ही किसी नेता को पार्टी में लिया जाता है। बताया गया है कि तीनों ने एक-दो दिन पहले ही अपने प्रस्ताव भाजपा पदाधिकारियों को दिये थे।

रुद्रप्रयाग की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के भी आने की चर्चा

अनुकृति के भाजपा में शामिल होने के बाद रुद्रप्रयाग की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा के भी भाजपा में आने की चर्चाएं तेज हैं। लक्ष्मी राणा भी हरक सिंह रावत की करीबी रही हैं।

हाल में लोकसभा चुनाव के दौरान ही, उन्होंने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान की अपील मतदाताओं से की थी। हालांकि, लक्ष्मी को भाजपा में सदस्यता दिलाने की कोशिशों की अभी पुष्टि नहीं हो सकी है।

क्या हरक सिंह रावत की भी होगी वापसी?

अनुकृति के भाजपा में आने के बाद अब उनके ससुर और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को लेकर भी सियासी चर्चाएं तेज हैं। यह सवाल उठने लगा है कि क्या आने वाले समय में हरक सिंह भी एक बार फिर भाजपा में शामिल होंगे? हालांकि, भाजपा की ओर से फिलहाल इस सवाल पर कोई ठोस जवाब नहीं मिला है, लेकिन जानकारी दी जा रही है कि हरक सिंह की ओर से अभी तक पार्टी में शामिल होने का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।

बता दें कि 2022 के चुनाव से पहले हरक कांग्रेस में चले गये थे। भाजपा सरकार में वन मंत्री रहने के दौरान उन पर कॉर्बेट नेशनल पार्क की पाखरो रेंज में अवैध कटान और घोटाले के आरोप लगे थे। सीएम पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर इस मामले की जांच चल रही है। अगस्त 2023 में इसी मामले की जांच कर रही विजिलेंस टीम ने देहरादून स्थित हरक सिंह के बेटे के मेडिकल कॉलेज में छापा मारा था

जांच और अन्य कार्रवाई के बाद विजिलेंस की टीम वहां लगा हुआ सरकारी जेनरेटर सेट उठा ले गयी थी। मेडिकल कॉलेज के अलावा रावत परिवार के पेट्रोल पंपों पर भी जांच की गयी थी। उस वक्त हरक सिंह ने कार्रवाई को लेकर सवाल उठाये थे। विजिलेंस कार्रवाई के बाद जहां, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरक पर तल्ख टिप्पणी की थी, वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत हरक का साथ देते नजर आये थे।

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